मज़लूम के इंसाफ़,अदलिया के विक़ार में इज़ाफ़ा

नाज़िम मुदर्रिसा अशर्फ़ उल-उलूम मौलाना अब्दुल् कवि गुजरात साबरमती जेल से रिहाई के बाद हैदराबाद में आमद पर इन का वालहाना इस्तिक़बाल किया गया।

शमशाबाद राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर मौलाना के सैंकड़ों हामीयों ने इन का पुरजोश इस्तिक़बाल किया और उन्हें रियाली की शक्ल में उनके घर लाया गया।

29 अगसट को गुजरात हाईकोर्ट की तरफ से पोटा केस में ज़मानत मंज़ूर किए जाने के बाद उनकी जेल से रिहाई अमल में आई थी और वो बज़रीया फ़्लाईट हैदराबाद पहुंचे।

मौलाना अब्दुल कवि को अहमदाबाद की डीटीकशन क्राईम ब्रांच ने जारीया साल 24 मार्च को नई दिल्ली के इंदिरागांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गिरफ़्तार किया गया था और उन पर पोटा केस में माख़ूज़ करते हुए साबरमती जेल भेज दिया गया।

मौलाना पर गुजरात पुलिस ने मुल्क के ख़िलाफ़ मुबय्यना गै़रक़ानूनी सरगर्मीयां का इल्ज़ाम आइद करते हुए उन्हें गिरफ़्तार किया था और उनके ख़िलाफ़ चार्ज शीट दाख़िल की गई थी। मौलाना अब्दुल कवि रात ख़्वाजाबाग़ सईदाबाद में वाक़्ये मुदर्रिसा अशर्फ़ उलूम पहुंचने पर वहां के तलबा और सैंकड़ों हामीयों ने इस्तिक़बाल किया और इन में ख़ुशी की लहर दौड़ गई।

इस मौके पर मौलाना अब्दुल कवि ख़िताब करते हुए कहा कि उन्हें एक झूटे मुक़द्दमा में माख़ूज़ किया गया है और उन पर आइद किए गए इल्ज़ामात बेबुनियाद और ग़लत हैं। अदालत की तरफ से ज़मानत मंज़ूर किए जाने पर उन्होंने कहा कि मज़लूम के साथ इंसाफ़ हुआ है और अदालत के इस फ़ैसले से हिंदुस्तानी अदलिया के विक़ार में इज़ाफ़ा हुआ है।

उन्होंने बताया कि उन्हें अल्लाह की ज़ात पर मुकम्मिल भरोसा है कि वो इस मुक़द्दमा में बेक़सूर साबित होंगे। मौलाना अब्दुल कवि ने उनके हामीयों का शुक्रिया अदा किया जिन्होंने उनकी रिहाई के लिए अल्लाह से दुआएं की थीं।

शमशाबाद एयरपोर्ट पर मौलाना की आमद की इत्तेला पर पुलिस ने सेकोयुरीटी के वसीअ तरीन इंतेज़ामात किए थे लेकिन उनके हामीयों ने अपने हाथों में बयानरस थामे हुए ये पैग़ाम दिया कि उल्मा की शान का एहतेराम करें शरीयत-ओ-क़ानून के हुदूद का लिहाज़ रखें।