यमन में ज़ंग बंद कर बातचीत शुरु किया जाना चाहिए- अमेरिका

यमन युद्ध के बारे में एसा लगता है कि अमरीका के रुख़ में बड़ा बदलाव आया है। अमरीका ने कहा है कि यमन युद्ध तत्काल बंद होना चाहिए और आने वाले महीने में युद्धरत पक्षों के बीच वार्ता शुरू होनी चाहिए।

अमरीका के विदेश मंत्री माइक पोम्पेयो ने मंगलवार की शाम एक बयान में कहा कि यमन में युद्ध रोकने का समय अब आ गया है।

पोम्पेयो ने सऊदी अरब और इमारात से कहा कि वह यमन में आवासीय इलाक़ों में बमबारी बंद करें जबकि इसके जवाब में अंसारुल्लाह आंदोलन भी सऊदी अरब और इमारत पर अपने मिसाइल हमले बंद कर दे।

अमरीकी विदेश मंत्री ने कहा कि यमन के मामले में संयुक्त राष्ट्र संघ के विशेष दूत मार्टिन ग्रेफ़ीथ ने जिस वार्ता की दावत दी है वह अगले महीने में शुरू हो जानी चाहिए।

इससे पहले वाशिंग्टन में एक थिंक टैंक में अमरीका के युद्ध मंत्री जेम्ज़ मैटिज़ ने भी कहा कि आने वाले 30 दिनों के भीतर यमन युद्ध में शामिल सभी पक्षों को चाहिए कि वार्ता की मेज़ पर आ जाएं। मैटिज़ ने कहा कि यमन में युद्ध विराम हो, अंसारुल्लाह आंदोलन के लोग सीमावर्ती इलाक़ों से पीछे हटें और फिर हवाई हमले बंद हों।

फ़्रांसीसी मीडिया का कहना है कि सऊदी अरब और इमारात भी चाहते हैं कि युद्ध बंद हो जाए और वार्ता शुरू हो। मैटिज़ ने यमन युद्ध में अमरीका की संलिप्तता को सीमित ज़ाहिर करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि अमरीका यमन पर हमले करने वाले सऊदी और इमाराती विमानों में से केवल 20 प्रतिशत विमानों को हवा में ईंधन उपलब्ध कराता है।

वरिष्ठ सऊदी पत्रकार जमाल ख़ाशुक़जी की निर्मम हत्या के बाद सऊदी अरब पर यमन युद्ध बंद करने के लिए दबाव बढ़ गया है। फ़्रांस के सैन्य बलों की मंत्री फ़्लोरांस बार्ले ने कहा कि यमन युद्ध ने वह मानव त्रासदी पैदा कर दी है जिसका कोई अन्य उदाहरण नहीं है।

उन्होंने भी यमन युद्ध में फ़्रांस की संलिप्तता कम ज़ाहिर करने की कोशिश की। फ़्रांसीसी मंत्री ने कहा कि जो हथियार फ़्रांस ने सऊदी अरब और इमारात को बेचे हैं वह यमन युद्ध में प्रयोग नहीं हुए हैं लेकिन इस बात की संभावना है कि फ़्रांस ने पहले जो हथियार इन दोनों देशे को बेचे थे उन्हें इन देशों ने यमन में प्रयोग किया हो।

साभार- ‘parstoday.com’