यूएन में भारत ने पाक को दुनिया के लिए खतरा करार दिया

जम्मू-कश्मीर के मसले पर छिड़ी बातचीत के दौरान सोमवार को भारत ने यूएन में पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए, पाक को दुनिया की शांति लिए सबसे बड़ा खतरा बताया। भारत ने यूएन के सामने पाक में हो रहे परमाणु हथियारों के विकास और आतंकी संगठनों से उसके संबंधों का हवाला दिया।

दरअसल, ये बातें भारतीय राजदूत वेंकटेश वर्मा ने कॉन्फ्रेंस ऑन डिसआर्मामेंट में जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तानी राजदूत तहमीना जंजुआ की बात के जवाब में कहीं। वर्मा ने कहा कि शांति और स्थायित्व को सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद को मिलने वाले बढ़ावे और लगातार परमाणु शक्ति को विस्तार देने से है।
जंजुआ ने कॉन्फ्रेंस के दौरान मौखिक रूप से जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर कमेंट किया था, जिसका वेंकटेश ने इस तरह से जवाब दिया। जंजुआ ने कहा था कि कश्मीर का मुद्दा सुलझाए बिना क्षेत्रीय शांति संभव नहीं है। यूएन में पाक राजदूत ने फिर से पुराना राग अलापा। उन्होंने फिर से उन्हीं प्रस्तावों की पेशकश की, जिन्हें भारत लंबे समय से ठुकराता आ रहा है। जंजुआ ने इस बात का जिक्र किया कि पिछले ही महीने यूएन में पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने दक्षिण एशिया में रणनीतिक स्थायित्व की बात के प्रति पाक की पहल के बारे में बात की थी। उन्होंने कहा कि पाक प्रधानमंत्री भारत के साथ द्विपक्षीय समझौते के लिए तैयार हैं और इसका जिक्र उन्होंने अपने भाषण में किया था।

इसके जवाब मे वर्मा ने कहा कि पाक का पक्ष सिर्फ खुद को फायदा पहुंचाने वाला था। उन्होंने आगे कहा कि यह एक विडंबना है कि जो देश परमाणु अप्रसार के रास्ते में विरोध और बाधा पैदा करने की नीति पर चलता रहा हो, वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्वार्थी प्रस्तावों पर सहमति हासिल करना चाहता है। वर्मा ने अपने जवाब में आगे कहा कि रिकॉर्ड से यह साफ जाहिर है कि इंटरनेशनल डिसआर्मामेंट अजेंडे के रास्ते में अवरोध पैदा करने के लिए अकेले पाकिस्तान ही जिम्मेदार रहा है।