यूजीसी ने 22 फर्जी विश्वविद्यालयों पर कार्रवाई करने की मांग की!

यूजीसी ने राज्य सरकारों को 22 फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची भेजते हुए यूजीसी एक्ट और भारतीय कानून के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। यूजीसी का कहना है कि फर्जी विश्वविद्यालय स्नातक व स्नातकोत्तर प्रोग्राम की पढ़ाई करवा रहे हैं।

ऐसे विश्वविद्यालयों से पढ़ाई करने वाले छात्रों की डिग्री वैध नहीं है। छात्रों को दाखिले से पहले विश्वविद्यालय यूजीसी से मान्यता प्राप्त है या नहीं, इसकी जानकारी यूजीसी की वेबसाइट पर करने का आग्रह किया गया है।

अमर उजाला के अनुसार, यूजीसी का कहना है कि दिल्ली का इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट (आईआईपीएम) के पास डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई करवाने की मान्यता नहीं है। इसलिए छात्रों को सूचित किया जाता है कि दिल्ली के इस शिक्षण संस्थान में दाखिला न लें, क्योंकि दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के तहत उक्त शिक्षण संस्थान में किसी भी पाठ्यक्रम के अंतर्गत डिग्री प्रदान करने या पढ़ाई करवाने पर रोक लगा रखी है। इसी के तहत यूजीसी ने भी डिग्री प्रोग्राम की मान्यता रद कर दी है।

फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची में दिल्ली के कमर्शियल यूनिवर्सिटी दरियागंज, यूनाइटेड नेशंस यूनिवर्सिटी दिल्ली, वोकेशनल यूनिवर्सिटी दिल्ली, एडीआर सेंट्रल जुरिडिकल यूनिवर्सिटी नई दिल्ली, इंडियन इंस्टीयूट ऑफ साइंस एंड इंजीनियरिंग दिल्ली, विश्वकर्मा ओपन यूनिवर्सिटी व आध्यात्मिक विश्वविद्यालय (स्प्रीचुअल यूनिवर्सिटी) का नाम शामिल है।

इसके अलावा उत्तर प्रदेश का वाराणसेय संस्कृत विवि, महिला ग्राम विद्यापीठ इलाहाबाद, गांधी हिंदी विद्यापीठ इलाहाबाद, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रो कांप्लेक्स होम्योपैथी कानपुर, नेताजी सुभाषचंद्र बोस ओपन यूनिवर्सिटी अलीगढ़, उत्तर प्रदेश विवि कोसीकलां मथुरा, महाराणा प्रताप शिक्षा निकेतन प्रतापगढ़, इंद्रप्रस्थ शिक्षा परिषद नोएडा और गुरुकुल विश्वविद्यालय वृंदावन मथुरा का भी नाम दर्ज है।

वहीं, इस सूची में बाडागनवी सरकार वर्ल्ड ओपन यूनिवर्सिटी एजुकेशनल सोसायटी कर्नाटक, सेंट जोंस यूनिवर्सिटी कृष्णाअट्टम केरल, राजा अरेबिक यूनिवर्सिटी नागपुर, डीडीबी संस्कृत यूनिवर्सिटी तमिलनाडूृ, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसन कोलकाता, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसन एंड रिसर्च कोलकाता का नाम भी शामिल है।