यूपी में मुसलमानों की सूरत-ए-हाल पर हफ़्ते को इजलास

नई दिल्ली: उत्तरप्रदेश में बढ़ती हुई लाक़ानूनियत , फ़िर्कावाराना तास्सुब और इक़्तेदार में आने से पहले समाजवादी पार्टी ने मुसलमानों से किए गए वादे पूरे ना करने से पैदा शूदा संगीन सूरत-ए-हाल पर ग़ौर करने के लिए शाही इमाम सय्यद अहमद बुख़ारी ने हफ़्ते 20 फरवरी को मुस्लिम नुमाइंदों की एक मीटिंग लखनऊ में तलब की है।

एक बयान में उत्तरप्रदेश में बरसर‍ए‍इक़्तेदार समाजवादी पार्टी ने असेम्बली इंतेख़ाबात से पहले मुसलमानों से उनकी फ़लाह-ओ-बहबूद , तालीम-ओ-तरक़्क़ी, रोज़गार, जान-ओ-माल का तहफ़्फ़ुज़ , बरसों से जेलों में बंद बेक़सूर मुस्लिम नौजवानों की रिहाई, रिज़र्वेशन , उर्दू टीचर्ज़ की तक़र्रुरी, क़ानून-ओ‍-इंतेज़ाम की बहाली, सरकारी उर्दू मीडियम स्कूलों का क़ियाम , फ़ोर्सिज़ में मुसलमानों की भर्ती, इन्साफ़ और ज़िंदगी के हर शोबे में आबादी के तनासुब से मुसलमानों को नुमाइंदगी देने के वादे किए थे।

बयान में कहा गया है कि रियासत के मुसलमानों ने इन वादों पर यक़ीन करते हुए समाजवादी पार्टी को मुकम्मल अक्सरीयत के साथ इक़्तेदार में बिठाया। लेकिन रियासती हुकूमत की वादा-फ़रामोशी से मुसलमानों में ज़बरदस्त बेचैनी और मायूसी पाई जाती है ।

उत्तरप्रदेश की मौजूदा सियासी सूरत हाल पर ग़ौर करने और समाजवादी पार्टी को इस के वादे याद दिलाने के लिए मुस्लिम नुमाइंदों की ये मीटिंग लखनऊ में तलब की गई है। लखनऊ के अलावा इलाहाबाद, वाराणसी , गोरखपुर , देवरिया, बिजनौर, सीतापूर, मुज़फ़्फ़रनगर, इटावह, अलीगढ़ , कानपूर , मुरादाबाद, महोबा, और दीगर अज़ला के मुस्लिम नुमाइंदों को शिरकत की दावत दी गई है|