योगी राज में भी बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाएं, एक ठेले पर दो शव पहुंचाए गए मेडिकल कॉलेज

गोरखपुर- आप बाज़ार से गुज़र रहे हों और देखें कि बगल वाले ठेले में दो शव कफन में लिपटे हुए हैं । ये आपकी सोच से भी दूर है । उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ कहे जाने वाले गोरखपुर में ऐसा ही एक वाकया सामने आया है ।

गोरखपुर की सड़कों पर एक ठेले में दो रखे थे और वो भीड़भाड़ वाली सड़क से 12 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं । आइए आपको बताते हैं कि पूरा मामला है क्या ।

बुधवार को जिला अस्पताल की मार्च्युरी में दो शव लाए गए थे । जिसमें एक दुर्घटना में मृत खजनी निवासी सुनील का था तो दूसरा लावारिस । दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाना था । स्वीपर ने शवों पर कफ़्न सिला और फिर इन्हें एक ही ठेले पर लाद दिया । एक बजे चालक राजू ठेला लेकर मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना हुआ। शहर के व्यस्त बाजारों से गुजरते हुए वह मेडिकल कॉलेज गेट पर करीब दो बजे पहुंचा।

इस बारे में जब सीएमओ डॉ. रवींद्र कुमार से पूछा गया तो उन्होंने पोस्टमार्टम के लिए ठेले पर जाने वाले शवों के लिए पुलिस महकमे को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि शव वाहन सिर्फ अस्पताल से लाशों को शवदाह गृह ले जाने के लिए दिया जाता है। इसके लिए शासन की गाइड लाइन भी तय है।

जिलाधिकारी राजीव रौतेला ने कहा, ठेले पर शव ढोए जाने के मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी और एसआईसी से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा और मामले की जांच कराई जाएगी।

इस मामले का अब मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया है और मामले की जांच शुरु कर दी है । जिला अस्पताल में दो वातानुकूलित शव वाहन हैं लेकिन ये लाशों को लेकर शवदाह स्थल तक जाते हैं। अफसरों ने बताया कि शासन की गाइड लाइन में इनसे पोस्टमार्टम हाउस पर शव भेजने की अनुमति नहीं है।