रक्षा मंत्रालय का फैसला : सेना में शामिल होंगी 800 महिलाएं, 52 को हर साल शामिल करने की योजना

नई दिल्ली: सेना में महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने के लिए रक्षा मंत्रालय ने 800 महिलाओं को सेना में भर्ती करने का फैसला लिया है. मिलिट्री पुलिस के अन्य जवानों की तरह इन महिला जवानों को सेना की लड़ाकू यूनिटों के साथ सहायक भूमिका में तैनात किया जाएगा। सेना में अब तक अधिकारी स्तर पर महिलाओं की भर्ती की जा रही थी। थलसेना मुख्यालय ने इस आशय की सिफारिश रक्षा मंत्रालय की मंजूरी के लिए भेजा है। थलसेना के एडजुटेंट लेफ्टिनेंट जनरल अश्विनी कुमार ने पत्रकारों को इस संबंध में बताया कि इस योजना को थलसेना में लैंगिक समानता की दिशा में एक अहम कदम के तौर पर देखा जा रहा है. 

उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत सैन्य पुलिस में करीब 800 महिलाओं को शामिल किया जाएगा, जिनमें 52 महिला जवानों को हर साल शामिल करने की योजना है. यह घोषणा निर्मला सीतारमण के देश की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के एक दिन बाद की गई है. सैन्य अधिकारियों ने कहा कि यह महज संयोग है कि यह फैसला तब लिया गया है जब एक महिला रक्षा मंत्री ने रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी सम्भाली है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपना नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि कुछ महिला कर्मियों को क्रमिक तौर पर कश्मीर की घाटी में तैनात किया जाएगा, ताकि वे विभिन्न तरह के काम कर सकें जिनमें महिलाओं की तलाशी शामिल है. लेफ्टिनेंट जनरल कुमार ने कहा कि सैन्य पुलिस कोर में महिलाओं को शामिल करने के फैसले से लैंगिक अपराधों के आरोपों की जांच करने में मदद मिलेगी.

इस घोषणा को महिलाओं के लिए लड़ाकू भूमिकाओं को एक तरह से खोलने के कदम के रूप में देखा जा रहा है. अभी महिलाओं को थलसेना की मेडिकल, कानूनी, शैक्षणिक, सिग्नल एवं इंजीनियरिंग जैसी चुनिंदा शाखाओं में काम करने की इजाजत दी जाती है.