राज्य चुनाव आयोग ने UP की कानून-व्यवस्था पर उठाए सवाल,कहा-निकाय चुनाव के लायक नहीं हालात

उत्तरप्रदेश की कानून व्यवस्था पर राज्य चुनाव आयोग ने सवाल उठाए हैं । राज्य चुनाव आयुक्त एस. के अग्रवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में कानून-व्यवस्था की स्थिति आगामी शहरी निकाय चुनावों के आयोजन के अनुकूल नहीं है। उन्होने कहा, यदि सही दिशा मे कोई चीज बढ़ती है तो शहरी निकायों के लिए चुनाव प्रक्रिया 6 जून या 7 जून तक घोषित हो जाएगी। उन्होने कहा, स्थिति सुधारने के लिए अधिकारियों को आदेश जारी किए जाने चाहिए।

एस के अग्रवाल राज्य के तीन क्षेत्रों में तैयारी की समीक्षा कर चुके हैं और शनिवार को बरेली में चौथी समीक्षा बैठक को आयोजित किया गया था। उन्होंने पाया कि ज्यादातर जिलों में कानून और व्यवस्था संतोषजनक नहीं थी।

राज्य चुनाव आयुक्त ने कहाकि अधिकांश जिलों में अपराध और अपराधियों की संख्या में वृद्धि हुई है औऱ पुलिस पर्याप्त कदम नहीं उठा रही है। पुलिस विभाग को कहा गया है कि स्थिति सुधारने के लिए मजबूत कार्रवाई करें और यह सुनिश्चित करें कि चुनाव से पहले सभी अपराधी सलाखों के पीछे हों।

अयोध्या-फैजाबाद और वृंदावन-मथुरा के नवनिर्मित निगमों पर उन्होने कहा कि अगर सभी तैयारियां वक़्त पर पूरी हो जाती हैं तो पूरे राज्य के साथ वहां भी चुनाव होंगे। एक सवाल के जवाब में राज्य चुनाव मंडल प्रमुख ने कहा कि शहरी निकाय चुनाव ईवीएम के जरिए किए जाएंगे क्योंकि लोगों का उस पर विश्वास है।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने अधिकारियों को कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार करने का निर्देश दिया और जिला प्रशासन से जातीय-सांप्रदायिक तनाव पर नजदीक से नजर रखने के लिए कहा। निर्वाचन आयुक्त ने चेतावनी दी कि किसी भी ढिलाई के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा और स्पष्ट निर्देश दिए कि जहां भी सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन कैमरे की आवश्यकता है मतदान और वोटों की गिनती के दौरान लगाए जाएंगे।