राम मंदिर बनाने का काम दिवाली के बाद: सुब्रमण्यम स्वामी

भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का कार्य इस साल दिवाली के बाद से शुरू हो जाएगा। स्वामी ने राष्ट्रीय स्वयमसेवक संघ (आरएसएस) के प्रचार विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम राम जन्मभूमि उभरता परिदृश्य में शनिवार को कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट में पेश किए गए सभी साक्ष्य इस ओर इशारा करते हैं कि बाबरी मस्जिद विध्वंस स्थल पर कभी भगवान राम का मंदिर था। इसलिए उसी स्थान पर राम मंदिर का निर्माण होना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की रोज सुनवाई करने के लिए अर्जी डाल दी गई है और फैसले का इंतजार है।

उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को जमीन के उस टुकड़े पर दावा बंद कर देना चाहिए। स्वामी ने मंदिर निर्माण पर कहा कि मैं कभी हिंसा के दम पर इसे हासिल नहीं करना चाहता। स्वामी ने कृष्णा पैकेज का जिक्र करते हुए कहा कि मैं मुगलों द्वारा तोड़े गए 40 हजार मंदिरो के बजाए सिर्फ 3 मंदिर मांग रहा हूं और उन तीन मंदिरों में शामिल हैं- अयोध्या का राम मंदिर, मथुरा का कृष्ण मंदिर और काशी विश्वनाथ का विश्वनाथ मंदिर।

अप्रत्यक्ष रूप से चेतावनी देते हुए स्वामी ने कहा कि अगर शांति से इस फैसले को स्वीकार नहीं किया गया तो इसे अन्य साधनों के जरिए भी हासिल करके रहूंगा। उन्होंने हिंदू एकता पर बल देते हुए कहा कि यह एकता 2019 के चुनाव में दो तिहाई बहुमत लाने नें साथ देगी। महाभारत और रामायण की उदाहरणों के जरिए स्वामी ने साफ किया कि राम मंदिर सिर्फ पूजा के लिए जरूरी नहीं है बल्कि यह नाक की लड़ाई भी है। इस तथ्य को स्थापित करने के लिए उन्होंने भारतीय इतिहास के पाठ्यक्रम को भी भ्रामक करार दिया। हालांकि स्वामी ने इशारों में कहा कि अब इतिहास बदलने की तैयारी भी चल रही है।

स्वामी ने सऊदी अरब सहित अन्य देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि कुछ मुस्लिम देशों में राष्ट्र हित के लिए कई मस्जिदों को गिराया गया है लेकिन भारत में ऐसा कभी नहीं हुआ। स्वामी ने कांग्रेस पर मुसलमानों के साथ हमेशा नरमी दिखाने का आरोप लगाया और विकृत किए गए इतिहास को बदलने का वादा किया।