रास्त बैरूनी सरमाया कारी पर एन डी ए ने काबीनी नोट तय्यार किया था

मआशी(आर्थिक) बुनियादों और दरपेश हालात की बिना पर इजाज़त देने का फैसला : वज़ीर तिजारत(मंत्री व्यापार) आनंद शर्मा का कांग्रेस कारकुनों से ख़िताब(संबोधित)

मल्टी ब्रांड रीटेल शोबा में रास्त बैरूनी सरमायाकारी की इजाज़त पर बी जे पी की मुख़ालिफ़त(विरोध) से निमटने की कोशिश के तौर पर मर्कज़ी वज़ीर तिजारत(मंत्री व्यापार) मिस्टर आनंद शर्मा ने आज कहा कि एन डी ए हुकूमत के दौर ही में रीटेल शोबा में 100 फीसद तक रास्त बैरूनी सरमायाकारी की इजाज़त देने केलिए काबीनी नोट तय्यार किया गया था ।

कांग्रेस हामियों के एक इजतिमा से ख़िताब(संबोधित) करते हुए मिस्टर शर्मा ने तन्क़ीद की कि इस मसले पर बी जे पी मुल्क को गुमराह करने की कोशिश कर रही है । उन्हों ने वाज़िह(स्पष्ट) किया कहि यो पी ए हुकूमत ने पूरे यक़ीन और शफ़्फ़ाफ़ियत के सताह ये फैसला किया है और इस पर अज़ सर-ए-नौ ग़ौर नहीं किया जाएगा।

मिस्टर शर्मा ने इस मसले पर बी जे पी को तन्क़ीद का निशाना बनाते हुए कहा कि जब बी जे पी इक़तिदार में थी इस ने ही एफ डी आई मसले पर एक का बीनी नोट तय्यार किया था । वो कई बार बी जे पी से अपील करचुके हैं कि पार्ल्यमंट को काम करने का मौक़ा दिया जाय । अगर उन्हें मौक़ा मिल जाता तो वो बी जे पी हुकूमत के दौर में तय्यार करदा का बीनी नोट को पार्ल्यमंट में पेश कर देते जिस में 100 फीसद रास्त बैरूनी सरमायाकारी की गुंजाइश रखी गई थी ।

कांग्रेस की तरफ‌ से अपोज़ीशन की तन्क़ीदों का जवाब देने के मक़सद(उद्देश्य) से 28 अक्टूबर को दिल्ली के राम लीला मैदान पर एक बड़ी रैली का एहतिमाम (आयोजन )किया जाएगा जिस से वज़ीर आज़म(प्रधानमंत्री ) डाँक्टर मनमोहन सिंह और यू पी ए की सदर नशीन सोनिया गांधी भी मुख़ातब करेंगी । मिस्टर शर्मा ने कहा कि हुकूमत ने मल्टी ब्रांड रीटेल शोबा में रास्त( प्रत्यक्ष) बैरूनी सरमाया कारी की इजाज़त देने का फैसला मुल़्क की मआशी(आर्थिक) बुनियादों और दरपेश हालात को पेश नज़र रखते हुए किया है । ये भी सिर्फ 51 फीसद तक है इस के बावजूद बी जे पी की मुख़ालिफ़त और एहतिजाज(विरोध और विरोध ) इस के खोखलेपन को ज़ाहिर करता है ।

उन्हों ने कहा कि हम ने मुल्क को दरपेश हालात( स्थिति ) और समाजी-ओ-माईश(सामाजिक और समझेश) अदम मुसावात(असमानता ) को देखते हुए ये फैसला किया है । ये मुल्क के अवाम हैं जिन्हों ने पॉलीसी को मंज़ूरी देदी है । ये पॉलीसी किसी और मुल्क के दबाव में नहीं बनाई गई है । मिस्टर शर्मा चीफ मिनिस्टर दिल्ली शीला डिकशित की क़ियामगाह पर कांग्रेसियों के इजतिमा(सभा) से ख़िताब(संबोधित) कर रहे थे । ये इजलास(बैठक) पार्टी कारकुनों को इस मसले से वाक़िफ़ करवाने केलिए मुनाक़िद (आयोजित)किया गया था ।

इस तन्क़ीद को मुस्तर्द(खारिज) करते हुए रास्त बैरूनी सरमाया कारी के नतीजे में छोटे व्यापारियों पर मनफ़ी(प्रतिकूल) असर पड़ेगा मिस्टर शर्मा ने कहा कि इसी तरह के अंदेशे उस वक़्त भी ज़ाहिर किए गए थे जब मिस्टर अटल बिहारी वाजपाई मुल्क के वज़ीर आज़म थे । उस वक़्त मुक डोनाल्डज़ और पिज़्ज़ा हिट वगैरह को हिंदूस्तान में कारोबार की इजाज़त दी गई थी । उन्हों ने कहा कि ये अंदेशे ग़लत साबित होगए हैं। मलिक ने पेशरफ़्त की है ।

सिर्फ कांग्रेस में ये अज़म और हौसला(संकल्प और साहस) है कि वो मुल्क को आगे बढ़ा सकती है । ये बात हमारी सोचों में वाज़िह(स्पष्ट) थी जब इस ताल्लुक़(संबंध) से फैसला किया गया था । अब ये फैसला बदला नहीं जाएगा। मिस्टर शर्मा ने कांग्रेस वर्कर्स से अपील की कि वो अवाम से रुजू हूँ और उन्हें इस पॉलीसी से होने वाले फ़ाइदों से वाक़िफ़(परिचित) करवाएं और बी जे पी के दोहरे मयारात को भी अवाम पर ज़ाहिर(प्रदर्शित) किया जाय ।

चीफ मिनिस्टर शीला डिकशित ने इस मौके पर ख़िताब(संबोधित) करते हुए मर्कज़ को मुबारकबाद दी कि इस ने इस तरह की पेशरफ़्त वाली पॉलीसी इख़तियार की है । उन्हों ने कहा कि इन की हुकूमत पूरे जोश-ओ-ख़ुरोश( उत्साह) के साथ इस पॉलीसी पर अमल आवरी(पालन) करेगी । उन्हों ने कहा कि वो इस पॉलीसी की ताईद-ओ-हिमायत(समर्थन) इस लिए कर रही हैं कि इस के नतीजा में किसानों और सारफ़ीन दोनों का फ़ायदा होगा। मर्कज़( केंद्र) की तरफ‌ से किया गया यह एक बहुत मुसबत(सकारात्मक) कदम है ।