रियासत के बजट का मुम्किन शकल 16800 करोड़ तय

रांची 20 अप्रैल : मंसूबाबंदी और तरक्की के महकमा के जॉइंट सेक्रेटरी डीएन चौधरी ने 2013-14 के मौजूदा बजट के मुताबिक़ महकमों से अखराज़ात करने को कहा है। इस मुताल्लिक में उन्होंने रवां माली साल के मुम्किन बजट खर्च के मुताबिक़ अगली सह माही तक खर्च करने की दरख्वास्त की है।

रवां माली साल में झारखंड के बजट का मुम्किन शकल 16800 करोड़ तय किया गया है। इसमें रियासती हुकूमत के रिसोर्स के तौर पर 8943.85 करोड़ रखा गया है। मर्कजी मंसूबों में रियासत का ग्रांट 2434.47 करोड़, 13वें फाइनेंस कमीसन से 786.19 करोड़ और मुम्किन अज़ाफी मर्कजी मदद के तौर पर 4371.10 करोड़ रुपये तय किया गया है। इएपी के तहत 671.40 करोड़ का बंदोबस्त किया गया है. सभी महकमों के मौजूदा शकल के मुताबिक़ ही खर्च करने का हुक्म दिया है।

रियासत के मनसूबे की शकल में साबिक़ का एकमुश्त मर्कजी मदद के तौर पर 56 करोड़ और आवामी मर्कजी मदद का 351.01 करोड़ रुपये भी रखा गया है।

रियासत के 36 महकमों के लिए तय किये गये मंसूबाबंदी की शकल में 26 महकमों को मर्कजी की तरफ से मंसूबाबंदी के तहत फंडिंग दिया जाता है। 13वें फाइनेंस कमीसन से खेलकूद नौजवान काम के सकाफ़त के सेक्शन, तालीम, जंगल, घर, मजदूरी की मंसूबाबंदी और तरबियत, मंसूबाबंदी सेक्शन, रूरल डेवलपमेंट, इनफार्मेशन टेक्नोलोजी, सोशल वेल्फ़ेअर, फलाही और तबाही इंतेजामिया महकमे को मदद दी जायेगी. एज़ाफी मर्कज़ी मदद की रक़म ज़राअत, मवेशी पालन, डेयरी, दूध, खाना, आवामी तकसीम, मजदूरी, तामीरी रास्ता, पंचायती राज, सूचना तकनीक, शहरी तरक्की, वाटर रीसोर्स, वेल्फ़ेअर महकमे को दी जायेगी।