रुश्दी की किताब पर लगाई गयी राजीव सरकार की पाबंदी, ग़लत थी : चिदंबरम

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नई दिल्ली : साबिक़ वज़ीर ए दाख़िला पी. चिदंबरम ने कहा कि राजीव गाँधी की कांग्रेस सरकार का सलमान रुश्दी की किताब “दा सैटेनिक वर्सेज” पे पाबंदी लगाने का फ़ैसला ग़लत था. राजीव गाँधी सरकार ने 1989 में “दा सैटेनिक वर्सेज” पे पाबंदी लगा दी थी.

“मुझे ये कहने में कोई झिझक नहीं है कि सलमान रुश्दी की किताब पर पाबंदी ग़लत थी…20 साल पहले भी, (अगर कोई मुझसे ये सवाल करता ) मै यही कहता,” चिदंबरम ने टाइम्स लिट् फेस्ट में कहा

“सैटेनिक वर्सेज” की रिलीज़ के बाद से ही ये किताब तनाज़े में आ गयी, कई मुसलमान संस्थाओं ने इस किताब पर ऐतराज़ जताया.

1989 में उस वक़्त की कांग्रेस सरकार ने इस किताब को इसलाम विरोधी मानते हुए इसपर पाबंदी लगा दी

उसी साल, ईरान के सुप्रीम लीडर, अयातुल्ला रुहोल्ला ख़ुमेनी ने रुश्दी के ख़िलाफ़ सज़ाए मौत का फ़तवा जारी कर दिया . इसके बाद रुश्दी की जान पर कई हमले हुए, जिसके बाद उन्हें पुलिस तहफ्फुज़ दी गयी.

जब उनसे पुछा गया कि क्या असहिष्णुता का मस’अला बढ़ा चढ़ा के पेश किया जा रहा है तो उन्होंने कहा कि बात समझाने के लिए ये ज़ुरूरी है .

“जो ये बात कहना चाहते हैं उनके पास ये ही एक आला है . कभी कभी आप बढ़ा चढ़ा के पेश करते हो, अगर ज़रूरी हो तो, अपनी बात को समझाने के लिए. कभी कभी आपको एक तस्वीर उडानी पड़ती है ताकि जो कम नज़र वाले हैं वो देख सकें.” उन्होंने कहा

मुल्क में असहिष्णुता के मुद्दे पर पुर जोर तरह से बहेस का माहौल है, बड़ी बड़ी हस्तियों ने इस मुद्दे को उठाया है. कई मुसनफीन ने अपने हुकूमती-अवार्ड्स वापिस कर दिए हैं. आमिर खान और शाह रुख़ ने भी इस मुआमले पे अपनी बात रखी.