रेप के आरोपी को बचाने के लिए घुस लेने वाला पुलिस अधिकारी गिरफ्तार

महिलाओं को लेकर अपने आपको संजीदा बताने वाली दिल्ली पुलिस के बारे में एक खुलासा हुआ है. एक नाबालिग़ के साथ बलात्कार करने वाले आरोपी को बचाने के लिए राजधानी दिल्ली के सब-इन्स्पेक्टर ने चार लाख रुपए की रिश्वत मांगी. इस नाबालिग़ की इज़्ज़त का सौदा करने वाले सब इन्स्पेक्टर को सीबीआई ने रंगे हाथ गिरफ़्तार किया है.

ये आरोप यौन उत्पीड़न और बलात्कार के मामले में महिलाओं और लड़कियों की ओर दिल्ली पुलिस की संवेदनशीलता पर भी सवाल उठाते हैं. सीबीआई के मुताबिक, दिल्ली के खजुरी पुलिस स्टेशन में तैनात एक सब-इंस्पेक्टर दीपक कुमार ने आरोपी चिराग अग्रवाल को बचाने के लिए 4 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की, जिसे नाबालिग लड़की से बलात्कार के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है.

आरोपी चिराग अग्रवाल के पिता दीपक तोमर ने उप-निरीक्षक दीपक कुमार द्वारा रिश्वत की मांग के बाद, सीबीआई से संपर्क किया और एक लिखित शिकायत दी, जिसमें से एक प्रति ‘आज तक’ के पास उपलब्ध है.

शिकायत में आरोपी के पिता ने आरोप लगाया है कि, “22 अप्रैल को मेरे बेटे चिराग अग्रवाल को पुलिस ने उठाया था और बलात्कार और POCSO अधिनियम के तहत उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. जब हम सब-इंस्पेक्टर दीपक कुमार से मिले, तो उन्होंने मेरे बेटे को बचाने के लिए 4 लाख रुपये की मांग की और कहा कि बलात्कार और POCSO अधिनियम के आरोपों को हटा दिया जाएगा.”

दीपक तोमर ने सीबीआई के अधिकारियों को यह भी बताया कि सब-इंस्पेक्टर ने उन्हें रिश्वत के पैसे के साथ कड़कड़डुमा अदालत में आने के लिए कहा है. तत्काल सीबीआई की एक वेरिफ़िकेशन टीम गठित की गई और दीपक कुमार को रंगे हाथ पकड़ने का ऑपरेशन शुरू किया गया.

सीबीआई ने तोमर को एक स्टिंग कैमरा भी दिया ताकि सबूत के रूप में उनके और सब-इंस्पेक्टर के बीच की बातचीत रिकॉर्ड हो सके. साथ ही सीबीआई ने अपनी तरफ़ से तोमर को 50,000 रुपये भी दिए जो रिश्वत के  रूप में दीपक कुमार को देना था.

योजना के मुताबिक, 26 अप्रैल को दोपहर में शिकायतकर्ता के साथ सीबीआई की एक टीम कोर्ट के अंदर पहुंची जहां सब-इंस्पेक्टर ने कथित रूप से रिश्वत स्वीकार कर ली. एक बार फिर तोमर को आश्वासन दिया  कि उनके बेटे के खिलाफ लगे आरोप हटा दिए जाएंगे. दीपक कुमार ने तोमर से तुरंत 1 लाख की व्यवस्था करने और पुलिस स्टेशन पर उससे मिलने के लिए कहा.

एक बार आरोप सत्यापित होने के बाद, दीपक कुमार को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था. रिश्वत की मांग करने के आरोप में पीसी अधिनियम के धारा 7 के तहत सीबीआई ने दीपक को गिरफ़्तार किया है.