रोहंगिया मुसलमानों की हालत और भी ख़राब हो सकती है

म्यांमार में अगले माह होने वाले तारीख़ी इंतिख़ाबात के नतीजे में पहले ही जबर और इस्तिहसाल की शिकार रोहंगिया मुस्लिम अक़लीयत की हालत मज़ीद ख़राब हो सकती है। इस की वजह एक नई इंतिहाई सख़्तगीर बौद्ध सियासी जमात की बढ़ती हुई मक़बूलियत है।

म्यांमार में सितवे से जुमा दो अक्तूबर के रोज़ मौसूला न्यूज़ एजेंसी रोइटर्स की रिपोर्टों में बताया गया है कि जिस नई इंतिहापसंद बोध पार्टी से रोहंगिया नसल की मुस्लिम अक़लीयती आबादी को मज़ीद ख़तरात लाहक़ हो सकते हैं, इस की सियासी ताक़त में तेज़ी से इज़ाफ़ा हो रहा है और ऐन मुमकिन है कि नई पार्लीमान में वो एक फ़ैसलाकुन जमात बन जाये।

रोइटर्स के मुताबिक़ जुनूब मशरिक़ी एशियाई मुल्क म्यांमार के मग़रिबी किनारे पर राखीन नामी रियासत में क़ौम पसंद अक़लीयत के इक़्तेदार में आने से उन रोहंगिया मुसलमानों के इस्तिहसाल और उनके साथ इमतियाज़ी सुलूक में मज़ीद शिद्दत आ सकती है, जो वैसे भी बेवतन हैं और जिनमें से हज़ारहा हालिया बरसों में राखीन से फ़रार हो कर म्यांमार के हमसाया मुल्कों का रुख कर चुके हैं।