रोहतक- सार्वजनिक स्थान पर नमाज नहीं करेंगे मुस्लिम, हिंदू नाम रखे

यहां के तितोली गांव में धोबी-मुस्लिम युवकों को एक बछड़े की हत्या में गिरफ्तार होने के बाद गांव की पंचायत ने उनके जीवनभर गांव में घुसने पर बैन लगा दी है. यह पंचायत हिंदू बाहुल्य इलाके में हुई. पंचायत में क्षेत्र में रहने वाले तकरीबन 800 मुस्लिम लोगों को किसी भी सार्वजनिक स्थान पर नमाज अदा करने पर पाबंदी लगा दी गई है.

पंचायत ने इसके साथ ही मुस्लिम लोगों के लिए कब्रिस्तान बनाए जाने को वाली जमीन को भी लेने का फैसला लिया है. उन्हें मृतकों को दफनाने के लिए एक दूसरा जमीन का टूकड़ा दे दिया गया है. इतना ही नहीं गांव के मुसलमानों को हिंदू नाम रखने के लिए कहा गया है.

गांव में दरार डालने की कोशिश
गांव के ही एक युवक ने बताया, इस गांव में स्वतंत्रता से पहले से मुसलमान रह रहे हैं. गांव में हिंदू-मुसलमान बहुत ही सौहार्दपूर्ण तरीके से रहते हैं. यहां रह रहे मुसलमानों के हिंदू नाम हैं. उन्होंने आगे कहा, कुछ मुस्लिम परिवार यहां हाल के वर्षों में ही रहने आए हैं, जिन्हें एक मौलवी ने भ्रमित कर दिया है. इससे गांव में एक दरार डालने की कोशिश की गई है.

शांति के लिए निर्णय स्वीकार
ट्रिब्यून इंडिया को धोबी-मुस्लिम कम्युनिटी के एक युवक ने बताया, पंचायत यहां शांति चाहती है, इसलिए उसका निर्णय उन लोगों ने स्वीकार कर लिया है. उसने कम्यूनिटी की तरफ से 11 हजार रुपये गौशाला के लिए डोनेट किया है. गांव के एक अन्य शख्स ने कहा, मुस्लिमों के पास पंचायत के निर्णय को स्वीकार करने के अलावा और कोई चारा नहीं है.

डिप्टी कमिश्नर ने कहा
डिप्टी कमिश्नर डॉ. यश गर्ग ने कहा, गांव में किसी तरह के सांप्रदायिक तनाव या नाराजगी की रिपोर्ट नहीं दर्ज कराई गई है. यदि पंचायत ने कोई अंसैधानिक फरमान जारी किया है तो हम मामले को संज्ञान में लेकर जांच करेंगे. गलती पाए जाने पर मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी.