रिहाई मंच के पर्चम तले मुख़्तलिफ़ तनज़ीमों का अमन मार्च, रिपोर्ट फ़ौरी पेश करने का मुतालिबा
मुबय्यना मुस्लिम दहश्तगरदों की रिहाई और आर डी निमेश कमीशन की रिपोर्ट कल से शुरू होने वाले असेम्बली इजलास में पेश करने का मुतालिबा करते हुए रिहाई मंच के पर्चम तले मुख़्तलिफ़ तनज़ीमों की तरफ से कौंसल हाऊस के सामने अमन मार्च किया गया और हुकूमत से मुतालिबा किया गया कि वो मुबय्यना मुस्लिम दहश्तगरदों हकीम तारिक़ क़ासिमी, मौलाना ख़ालिद मुजाहिद की गिरफ़्तारी के बारे में तहक़ीक़ करने वाले आर डी निमेश कमीशन की रिपोर्ट कल से शुरू होने वाले असेम्बली इजलास में पेश करे।
इन पुलिस ओहदेदारों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाये जिन की हिरासत में 18 मई को मौलाना ख़ालिद मुजाहिद फ़ौत होगए और उनको पुलिस ने क़सूरवार क़रार दिया। रिहाई मंच 18 मई से कौंसल हाऊस के सामने गैर मीना मुद्दत की भूक हड़ताल और धरना जारी रखे हुए है। मंच के सदर मुहम्मद शोएब ऐडवोकेट के बमूजब अखीलेश यादव हुकूमत की नियत मुस्लमानों के सिलसिले में साफ़ नहीं है और ना हुकूमत बेक़सूर मुबय्यना मुस्लिम दहश्तगरदों को रिहा करने का कोई इरादा रखती है।
मग़रिबी यूपी के फ़साद से मुतास्सिरा मुज़फ़्फ़रनगर, शामली, सहार नुपूर, मेरठ, देवबंद और बागपत वगैरह में अब हालात तेज़ी से मामूल पर आरहे हैं, लेकिन अब भी हज़ारों अफ़राद फ़साद से दहश्त ज़दा होकर अपने घरों से फ़रार होगए और पनाह गज़ीं कैम्पों में मुक़ीम हैं। वो इतने दहश्त ज़दा हैं कि अपने घरों को वापिस होने के लिए तय्यार नहीं हैं।
जब तक कि उन्हें जान-ओ-माल के तहफ़्फ़ुज़ की ज़मानत नहीं दी जाती, वो वापिस आना नहीं चाहते। मुज़फ़्फ़रनगर के हालिया फ़िर्कावाराना फ़सादाद के सिलसिले में रियासती हुकूमत ने मुज़फ़्फ़रनगर के साबिक़ एस एस पी सुभाष दूबे को मुअत्तल करदिया है। उन पर इल्ज़ाम आइद किया गया है कि उन्होंने फ़सादाद पर क़ाबू पाने की कोई हक़ीक़ी कोशिश नहीं की।
अखीलेश यादव हुकूमत ने ताहम रियासत के डी जी पी देवराज नागर के ख़िलाफ़ ताहाल कोई कार्रवाई नहीं की जिन्होंने मुज़फ़्फ़रनगर फ़सादाद से एक दिन क़बल किसान महा पंचायत की इजाज़त देने का फैसला किया था। आला सतही इजलासों में चीफ मिनिस्टर के बारे में ये कहा जा रहा है कि वो फ़सादाद के दौरान कहीं भी नज़र नहीं आए।