लव सेक्स और धोखा की दर्दनाक कहानी (मोहब्बत, मंदिर में शादी फिर दगा)

पटना, 11 अप्रैल: अपूर्णा उर्फ खुशी है उसका नाम।मुहब्बत , शादी और उसके बाद छल की वजह से मांग के सिन्दूर का रंग उसके चहरे पर बहुत उदास था। एसएसपी से इंसाफ की गुहार लगाने वाली खुशी खुद को बेसहारा बताती है। खून के नहीं, बल्कि पहचान वाले भाई और अपनी मां के साथ वह एसएसपी के पास पहुंची थी। वह महिला आयोग से लेकर थाने तक का चक्कर काट चुकी है। जिससे शादी हुई उस नौजवान की फोटो लिए आंसू रोकने की कोशिश गले तक खिंच जाने से भर्राई आवाज में वह बार- बार, अपना हक हासिल करने की बात दुहरा रही थी।

खुशी ने बताया कि उसके मुंगेर वाके तारापुर गांव में मेडिकल कैंप लगाने के दौरान यशवीर कुणाल से उसकी मुलाकात हुई थी। कुणाल ने मोबाइल नंबर दिया था। खुद को डाक्टर बताने वाले कुणाल से शुरू हुई बातचीत प्यार में बदल गई।

लगभग डेढ़ साल पहले कुणाल ने गांव के तारापुर उल्टा महादेव मंदिर में उसकी मांग में सिंदूर भरा और पटना ले आया। हालांकि एक सवाल के जवाब में उसने बताया कि इस शादी का कोई गवाह नहीं है।

खुशी के मुताबिक रुकनपुरा की गली नं. 14 के एक अपार्टमेंट में रहने वाले कुणाल ने उसे नव बिहार कालोनी में किराए के मकान में रखा। इसी बीच वह हामिला हो गई और आपरेशन से एक बच्चा पैदा हुआ। जो बाद में मर गया।

होली के एक दिन पहले कुणाल ने उसे गांव जाने के लिए ट्रेन में बैठा दिया। उसका 70 हजार नकद, जेवर और कपड़े यहीं रखे थे। होली के बाद वह जुमे को लौटी। घर पहुंची, तो देखा कि वहां कोई दूसरा रह रहा था। पता चला कि कुणाल ने घर खाली कर दिया है। इल्ज़ाम है कि कुणाल नकदी और जेवरात भी साथ ले गया।

खुशी का इल्ज़ाम है कि फोन करने पर वह रिसीव नहीं कर रहा है। कभी रिसीव किया, तो बनारस, कोलकाता या फिर बाहर रहने की बात कह काट देता है।

उसके बाद से खुशी सड़क पर आ गई। चार दिनों से नहाना तो दूर, ब्रश तक नहीं किया है, खाली पेट हूं कह वह फूट-फूट रोने लगती है। उसका कहना है कि महिला आयोग में भी शिकायत दर्ज कराई है। पड़ोस में रहने वाली आंटी ने उसे पनाह दी है। साथ मौजूद केसरी नामक लड़के को भाई बताने वाली खुशी ने कहा कि चाहे जो हो, मुझे मेरा हक चाहिए।

भरोसे में लेकर मुझे सामान की तरह इस्तेमाल कर फेंकने वाले को कड़ी सजा दिलाना है।

—————‍‍‍बशुक्रिया: जागरण