लोकलुभावनवाद के बल पर सत्ता में आ रहे हिटलर जैसे नेताओं के खिलाफ पोप ने दी चेतावनी

पोप फ्रांसिस ने लोकलुभावन नेताओं के खिलाफ चेतावनी दी है और कहा है कि जर्मनी में 1933 के चुनाव में ऐसे ही लोकलुभावन नेता एडोल्फ़ हिटलर को चुना गया था, जिसका अंत एक तानाशाह के रूप में हुआ।

“संकट से भय पैदा होता है। मेरी राय में, यूरोपीय लोकलुभावनवाद का सबसे आम उदाहरण 1933 में जर्मनी है।। जर्मनी की जनता उस वक़्त संकट में थे, वे अपनी पहचान के लिए जूझ रहे थे जब तक यह करिश्माई नेता सामने नहीं आया और उनसे उनकी पहचान वापस दिलाने का वादा नहीं किया। लेकिन उसने उन्हें एक विकृत पहचान दी और हम सभी जानते हैं तब क्या हुआ,” उन्होंने स्पेनिश अखबार एल पाइस को दिए एक साक्षात्कार में कहा।

“हिटलर ने सत्ता को चुराया नहीं था,” उन्होंने कहा। “उसे उसकी जनता द्वारा चुना गया था और बाद में उसने उन्हीं लोगों को बर्बाद कर दिया।”

“संकट के समय में, हमारे फैसलों में कमी रहती है और वही मेरे लिए एक निरंतर सन्दर्भ है।।।। यही कारण है कि मैं हमेशा कहने की कोशिश करता हूँ: आपस में बात करो, एक दूसरे से बात करो,” उन्होंने कहा।

डोनाल्ड ट्रम्प के वाशिंगटन, डीसी में नए अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद पोप फ्रांसिस अखबार से बात कर रहे थे। कुछ आलोचकों का कहना है कि ट्रम्प झुकाव सत्तावाद की तरफ है।

पोप ने कहा कि वह ट्रम्प पर अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहते, और निर्णय पारित करने से पहले वे ट्रम्प के कार्यों का निरीक्षण करेंगे।

कैथोलिक नेता ने चर्च के राज्य, चीन के लिए एक संभावित यात्रा और पोप बनने के बाद आये परिवर्तन के बारे में भी चर्चा की।