वाचमैन मुलाज़िमत के लिए एमबीए, बीटेक कामयाब उम्मीदवारों की दरख़ास्तें

हैदराबाद 12 अक्टूबर: मुल्क और रियासतों में बेरोज़गारी का मस्ला किस सतह तक पहूंच गया है, इस की एक ज़िंदा मिसाल ये हैके वाचमैन की जायदाद पर तक़र्रुर के लिए एमबीए और बीटेक कामयाब उम्मीदवारों ने अपनी दरख़ास्तें पेश की हैं।

तफ़सीलात के मुताबिक़ वाचमैन की मुलाज़िमत के लिए बीटेक और एमबीए कामयाब बेरोज़गार, तालीम-ए-याफ़ता अफ़राद ने दरख़ास्त पेश करने का वाक़िया विशाखापटनम (आंध्र प्रदेश) में पेश आया, जबकि ज़िला विशाखापटनम में वाक़्ये इस्टर्नपावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (ए पी ए पी डी सी एल) ने वाचमैन मुलाज़िमत के लिए आलामीया जारी किया और इस आलामीया की रोशनी में वसूल दरख़ास्तों में कई बीटेक और एमबीए कामयाब बेरोज़गार तालीम-ए-याफ़ता अफ़राद की दरख़ास्तें भी शामिल थीं।

इन दरख़ास्तों को देखने के बाद ओहदेदारों के सर चकरा गए। मज़कूरा कंपनी में 6 वाचमैन की जायदादों पर तक़र्रुत के लिए आलामीया जारी किया गया और इस आलामीया में सिर्फ इतना कहा गया था के तेलुगु ज़बान से वाक़िफ़ 35 साल उम्र रखने वाले अफ़राद वाचमैन ओहदे के लिए दरख़ास्त देने के अहल होंगे।

इस के साथ साथ 25 हज़ार माहाना तनख़्वाह दिए जाने का इज़हार किया गया। आलामीया में इस तनख़्वाह का इज़हार करना ही था के हज़ारों की तादाद में दरख़ास्तें वसूल हुईं जिनमें कई बीटेक और एमबीए कामयाब दरख़ास्त गुज़ार भी शामिल थे।

इस सूरत-ए-हाल पर अपने रद्द-ए-अमल का इज़हार करते हुए एम सत्य नाराय‌ना ए पी ए पी डी सी एल विशाखापटनम सर्किल ओहदेदार ने बताया कि वसूल शूदा दरख़ास्तों में बी एससी, बी काम, बी‍बी एम, बीटेक, एमबीए कामयाब उम्मीदवारों की तादाद नसफ़ से ज़ाइद देखते हुए उन्हें ताज्जुब हुआ जबकि वाचमैन की जायदाद के लिए कोई तालीमी क़ाबिलीयत ही लाज़िमी नहीं है।

उन्होंने कहा कि ये सूरत-ए-हाल देखने के बाद तमाम ओहदेदार हैरत-ज़दा होगए, ताहम बादअज़ां तमाम दरख़ास्तों की जांच करते हुए 2 हज़ार से ज़ाइद दरख़ास्तों के मिनजुमला सिर्फ़ 317 उम्मीदवारों का इंतेख़ाब करके उनको टेस्ट के लिए हाल टिक्टस रवाना किए गए।

उन्होंने कहा कि हाल टिक्टस की वसूली के बाद 148 उम्मीदवारों ने दौड़ने के टेस्ट में हिस्सा लिया। उम्मीदवारों के इंतेख़ाब के लिए पिछ्ले दिन ही 13 मिनट में 2.5 कीलोमीटर की दौड़ का एहतेमाम किया गया जिनमें 35 उम्मीदवार मुक़र्ररा मुद्दत में अपनी दौड़ मुकम्मिल करने पर उन्हें मुंतख़ब किया गया।