जहांनुमा फायरिंग वाक़िया
शहर में 10 सितंबर को जहांनुमा आख़िरी कमान के क़रीब पेश आये फायरिंग वाक़िये पर शहरी इंतिहाई अफ़सोस का इज़हार करते हुए उसे सियासी सरपरस्ती दौलत मुक़ाम-ओ-मर्तबा और सब से बढ़ कर जहालत का नतीजा क़रार दे रहे हैं। वाज़िह रहे कि उस दिन एक रुक्न पार्लियामेंट के इंतिहाई क़रीबी समझे जाने वाले एक शख़्स के भतीजे इरफ़ान ने मुक़ामी नौजवान करीम पर सिर्फ़ इस लिए फायरिंग करदी थी क्योंकि उसने इरफ़ान की गाड़ी तेज़ चलाने पर एतराज़ किया था।
इस वाक़िये का हवाला देते हुए रुक्ने पार्लियामेंट असदुद्दीन उवैसी का कहना है कि इस तरह का मुज़ाहरा करने वाले इंसान नहीं हैवान हैं और दीने इस्लाम से दूरी के नतीजे में वो इस तरह की जाहिलाना हरकतों पर उतर आते हैं। शहर में जमईयतुल उलेमा-ए-इस्लाम के ज़ेर-ए-एहतिमाम शाम और मिस्र के हालात पर एक जल्सा-ए-आम मुनाक़िद हुआ था इस जलसा से ख़िताब करते हुए असद उवैसी ने मुस्लमानों के ख़िलाफ़ जारी आलमी साज़िशों का ज़िक्र करते हुए हैदराबाद के हालात और मुआशरे में फैल रही बुराईयों का हवाला दिया और कहा कि हमें मुआशरे में फैली बुराईयों का ख़ातेमा करना है।
जहांनुमा फायरिंग वाक़िये पर तबसेरा करते हुए उन्होंने कहा कि आप रास्ते में जाते जाते गाड़ी चलाते हुए किसी को देखते हैं वो आप को देखता है तो ये समझ लेते हैं कि वो या कोई आप को घूर रहा है , हाल ही में जहांनुमा में फायरिंग का वाक़िया पेश आया जिसमें एक नौजवान ने दूसरे नौजवान पर हालत ग़ुस्से में फ़ायर कर दिया जो रिवाल्वर इस्तिमाल की गई वो फिल्मों में इस्तिमाल होने वाली बंदूक़ थी अगर वाक़ई में वो असली रिवाल्वर होती तो वो मर जाता। इतना ग़ुस्सा, ये ग़ुस्सा नहीं बल्कि जहालत है , ये दीने इस्लाम से दूरी का नतीजा है और वो लोग जो इस तरह का मुज़ाहरा कररहे हैं वो इंसान नहीं हैवान हैं।
रुक्ने पार्लियामेंट के इस बयान पर शहर के हलक़ों में सवालात किए जा रहे हैं कि आख़िर करीम फिल्मों में इस्तिमाल होने वाले रिवाल्वर की गोली छू कर जाने के बावजूद भी ज़ख़्मी कैसे हुआ? इस तक़रीर की वीडियो लिंक सियासत की वेबसाइट पर देख सकते हैं।