व्हाट्सएप चैटिंग करती थी पत्नी, पांच महीने में ही टूट गई शादी

मोबाइल ने सात जन्मों का साथ निभाने की कसम लेकर एक-दूजे के होने वाले पति-पत्नी को पांच माह में ही दूर कर दिया है। पत्नी व्हाट्सएप पर चैटिंग करती थी, पति को यह नागवार गुजरता था। झगड़ों के बाद मामला पंचायत तक पहुंच गया। दोनों परिवारों ने रजामंदी से अलग होने का फैसला करते हुए शादी में हुए लेन-देन को वापस करने पर भी सहमति जताई। इस संबंध में लिखित अलगाव पर हस्ताक्षर कर सूचना पुलिस को भी दे दी गई। अमरोहा में भी एक दिन पहले एक दूल्हे ने होने वाली दुल्हन से शादी इसलिए नहीं की क्यों कि वह व्हाट्सएप पर ज्यादा चैटिंग करती थी।

गांव सिरसा निवासी विमलेश कुमार पुत्र प्रेमचंद्र का विवाह 27 अप्रैल 2018 को किशनी क्षेत्र के गांव नंदपुर की युवती के साथ हुआ था। आरोप है कि शादी के बाद से ही विवाहिता अपने मोबाइल पर व्हाट्सएप चैटिंग में व्यस्त रहती थी। जिस पर पति-पत्नी के बीच आए दिन विवाद होने लगा। जहां पति व उसके परिजन विवाहिता को मोबाइल से दूर रहने के लिए कहते थे। लेकिन विवाहिता मोबाइल को छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी। इस बात को लेकर शनिवार को दोनों पक्षों में पंचायत भी हुई लेकिन विवाहिता ने मोबाइल को अपने से दूर करने से मना कर दिया। बात यहां तक पहुंच गई कि दोनों ने ही एक-दूसरे के साथ रहने से मना कर दिया। दोनों ही पक्षों द्वारा दंपति को समझाया गया लेकिन वे समझने को तैयार नहीं थे।

शनिवार को लड़का पक्ष ने लड़की पक्ष द्वारा दिया गया दान-दहेज वापस कर दिया तो लड़की पक्ष ने भी शादी में दिए जेवरात लौटा दिए। दोनों पक्षों ने लिखित समझौता कर लिया। शनिवार की शाम दोनों पक्षों ने कोतवाली पहुंचकर समझौते की लिखित कॉपी थाना पुलिस को दे दी। इस संबंध में वरिष्ठ उपनिरीक्षक सोमवीर सिंह का कहना है कि दोनों ही पक्षों ने फैसले की प्रति थाना में दी है।