शरद गुट ने नीतीश को जेडीयू अध्यक्ष पद से हटाया, महागठबंधन तोड़ने का फैसला सहित अन्य फैसले किये रद्द

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जदयू पार्टी अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है.नीतीश को अध्यक्ष पद से हटाकर गुजरात से पार्टी विधायक छोटू भाई वसावा को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए जाने का फैसला लिया गया.

जेडीयू की कार्यकारिणी की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में जदयू नेता अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि नीतीश को पार्टी अध्यक्ष नियुक्त करने सहित पिछले साल 23 अप्रैल को हुई कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए सभी फैसलों को रद्द कर दिया गया है.

नीतीश गुट द्वारा लिए गए पार्टी विरोधी फैसलों की समीक्षा के लिए अनुशासन समिति का भी गठन किया गया है. श्रीवास्तव ने कहा कि बैठक में देशभर से जुटे जेडीयू नेताओं ने नीतीश गुट द्वारा बीजेपी से गठजोड़ करने को जनादेश का अपमान बताते हुए इस फैसले को रद्द कर दिया है.

इसके अलावा नीतीश खेमे द्वारा पार्टी से निकाले गए प्रदेश अध्यक्षों और अन्य पदाधिकारियों को उनके पद पर बहाल कर दिया गया. श्रीवास्तव ने बताया कि बैठक में पार्टी की दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित 19 राज्य इकाइयों के अध्यक्षों और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया. साथ ही उन्होंने दावा किया कि शरद गुट ही वास्तविक जेडीयू है.

कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के चुनाव चिह्न सहित अन्य मामलों से जुड़े विवादों पर भविष्य की रणनीति तय करने के लिए जेडीयू महासचिव जावेद रजा की अध्यक्षता में चुनाव विवाद समिति गठित की गई है.

श्रीवास्तव ने बताया कि कार्यकारिणी में लिए गए फैसलों की मंजूरी के लिए 8 अक्टूबर को दिल्ली में राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाई गई है. नीतीश सहित अन्य नेताओं के फैसलों को अनुशासनहीनता के दायरे में लाने के बारे में समिति की सिफारिशों पर अमल का फैसला राष्ट्रीय परिषद की बैठक में किया जाएगा. नवनियुक्त कार्यकारी अध्यक्ष वसावा से अगले साल मार्च तक संगठनात्मक चुनाव संपन्न कराने को भी कहा गया है.

बैठक में शरद यादव के अलावा, पूर्व मंत्री रमई राम, राज्य सभा सदस्य अली अनवर, पूर्व सांसद अर्जुन राय, पूर्व विधान पार्षद विजय वर्मा, पूर्व विधायक परवीन अमानुल्ला, सरोज बच्चन और उदय मांझी भी मौजूद रहे.