बर्लिन: सदर शाम बशारुल असद ने कहा कि कमज़ोर जंग बंदी की बरक़रारी के लिए हर मुम्किन कोशिश करेंगे। उन्होंने बाग़ीयों के लिए आम माफ़ी की पेशकश की जो मुसल्लह हैं। बशारुल असद ने कहा कि हम मुम्किना हद तक अपना किरदार अदा करेंगे ताकि मौजूदा जंग बंदी बरक़रार रहे।
वो जर्मन सरकारी महिकमा बराए नशरियात ए आर डी को इंटरव्यू दे रहे थे। उन्होंने रूस और अमरीका की सालस्सी से तय-शुदा 3 रोज़ा जंग बंदी का हवाला देते हुए कहा कि हम अपने आपको जवाबी कार्यवाई से रोके रख रहे हैं ताकि ये मुआहिदा बरक़रार रह सके और हम भरपूर तआवुन करेंगे।
लेकिन हर चीज़ की एक हद होती है। इसका इन्हिसार दूसरे फ़रीक़ पर भी होगा। सुलह को ”शुआ उमीद’ क़रार देते हुए सदर शाम ने पेशकश की कि अपोज़िशन के जंगजूओं को आम माफ़ी दे देंगे बशर्तिके वो हथियार डाल देने से इत्तेफ़ाक़ करें। उन्होंने कहा कि वो सिर्फ ये चाहते हैं कि बाग़ी अपने हथियार हुकूमत के हवाले कर दें और चाहें तो मुल्क के सियासी घेरे में शामिल होजाएं। इस के लिए आपका कोई सियासी एजंडा होना ज़रूरी नहीं होगा|