शाम में जंग बंदी मुआहिदे का नफ़ाज़

शाम में जंग बंदी मुआहिदे पर अमल दरामद का आग़ाज़ हो गया है। और तक़रीबन 100 मुतहारिब ग्रुपों ने अपनी कार्यवाहीयां रोकने के अज़म का इज़हार किया है। मुआहिदा, जिसे अमरीका और रूस ने तय किया था, उस का आग़ाज़ दमिश्क़ में निस्फ़ शब से हुआ।

शामी हिज़्बे मुखालिफ़ के वसीअतर ग्रुप, आला मुज़ाकराती कमेटी ने एक बयान में कहा है कि 97 ग्रुपों ने जंगबन्दी में हिस्सा लेने का वादा किया है। अक़वामे मुत्तहिदा की सलामती कौंसिल ने जुमे को मुत्तफ़िक़ा तौर पर शाम की ख़ाना-जंगी में मुलव्विस तमाम फ़रीक़ से मुतालिबा किया था कि वो समझौते की शराइत पर अमल दरामद करें।

क़रारदाद में हुकूमत शाम और हिज़्बे मुखालिफ़ से कहा गया था कि वो आलमी इदारे की जानिब से तय किए गए अमन मुज़ाकरात बहाल करें। अमरीकी महकमा ख़ारजा के तर्जुमान मार्क टोनर ने जुमा को कहा कि रूस ने अमरीका को यक़ीन दहानी कराई है कि जंग बंदी के बाद वो शाम में मोतदिल अपोज़ीशन के ख़िलाफ़ हमले नहीं करेगा।

उन्हों ने कहा कि रूस के लिए पाबंदी करने या बिगाड़ पैदा करने का लम्हा है, ये साबित करने का आया वो लड़ाई बंद करने के बारे में संजीदा है।