शाहीन नगर के गरीब अवाम क़तरा क़तरा पानी के लिए मुहताज

शाहीन नगर और अतराफ़ के इलाक़ों में ग़नजान मुस्लिम आबादी है और आबादी की अक्सरियत की यही शिकायत है कि इन इलाक़ों में कोई बुनियादी सहूलतें नहीं। हद तो ये है कि अवाम गुज़िश्ता एक माह से पानी के क़तरा क़तरा को तरस रहे हैं।

उन्हें 250 रुपये में 500 लीटर पानी खरीद कर इस्तेमाल करना पड़ रहा है। मुक़ामी लोगों का कहना है कि शाहीन नगर, बिसमिल्लाह कॉलोनी, सआदत नगर, क़ुबा कॉलोनी, एरा कुंटा और दीगर मुहल्लाजात में पाई जाने वाली पानी की शिद्दत क़िल्लत को दूर करने की बजाय ओहदेदार और सियासतदां पानी फ़रोख़्त करने वाली ट्रालियों के मालिकीन की हौसला अफ़्ज़ाई कर रहे हैं।

इस तरह इन इलाक़ों में एक तरह पानी माफिया गरीब अवाम की मजबूरियों का नाजायज़ फ़ायदा उठा रहा है। जहां गरीब पानी की क़िल्लत से परेशान हैं वहीं पानी के ट्राली मालिकीन की चांदी ही चांदी है। अवाम के मुताबिक़ सियासी क़ाइदीन इस अहम तरीन अवामी मसाइल पर बात करने के लिए तैयार नहीं।

अवाम के लिए एक और परेशानी की बात ये है कि मज़कूरा इलाक़ों में पानी सतह ज़मीन से नीचे चला गया है। बोरवेल्स की खुदाई के लिए बेतहाशा रक़म ख़र्च करने के बावजूद कोई नताइज बरामद नहीं हो रहे हैं।

बोरवेल्स के नाकाम होने पर एक तरह से लाखों रुपये पानी में जा रहे हैं। अब सवाल ये पैदा होता है कि आख़िर ग़नजान मुस्लिम आबादी वाले इन इलाक़ों को ही बुनियादी सहूलतों से क्यों महरूम रखा जा रहा है।