श्रीलंका ने नेगोम्बो से हटाया कर्फ्यू, सरकार ने तलाशी में एहतियात बरतने को कहा

श्रीलंकाई प्राधिकारियों ने पश्चिमी तटीय शहर नेगोम्बो में रात भर लगा कर्फ्यू सोमवार को हटा दिया। श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर आतंकवादी हमलों के कुछ ही दिनों बाद नेगोम्बो में सप्ताहांत में लोगों के समूहों के बीच हिंसा हुई थी। नेगोम्बो समेत देश में ईस्टर के दिन हुए आतंकवादी हमलों में 250 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।

शहर के पोराथोटा क्षेत्र में तिपहिया वाहन पर जा रहे कुछ लोगों पर बदमाशों के एक समूह ने तलवारों से हमला कर दिया था, जिसके बाद रविवार को कर्फ्यू लगाया गया था। बदमाशों ने तिपहिया वाहन को भी आग लगा दी थी। पुलिस प्रवक्ता रूवान गुणशेखरा ने सोमवार को बताया कि नेगोम्बो में शांति रही और सुबह सात बजे कर्फ्यू हटा दिया गया।

सरकार ने हालात नियंत्रित करने के लिए फेसबुक एवं व्हाट्सऐप समेत कुछ सोशल मीडिया साइटों को रात में प्रतिबंधित कर दिया था। इस प्रतिबंध को भी सोमवार सुबह हटा दिया गया। पुलिस ने बताया कि किसी बात को लेकर बहस के बाद हिंसा हुई थी। शहर में एहतियातन प्रतिबंध लगाया गया था। इस संबंध में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिंसा के संबंध में जांच की जा रही है। इस बीच कोलंबो के मुख्य पादरी कार्डिनल मैल्कम रंजीत ने कहा कि यह दो समूहों के बीच एक निजी झड़प थी। उन्होंने लोगों से शांत रहने की अपील की। देश के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने झड़पों के पीड़ितों को मुआवजा दिए जाने की घोषणा की।

श्रीलंका में स्कूल खुले
देश में दो सप्ताह पहले ईस्टर के दिन हुए आतंकवादी हमलों के बाद से बंद स्कूल सोमवार को फिर से खुल गए। ‘न्यूज फर्स्ट चैनल ने बताया कि कड़ी सुरक्षा के बीच छठी से 13वीं तक की कक्षाओं में पढ़ाई आरंभ हुई। पहली से पांचवीं तक की कक्षाओं की पढ़ाई 13 मई को आरंभ होगी।

श्रीलंका के मंत्री ने तलाशी अभियान में एहतियात बरतने को कहा
श्रीलंका के एक मंत्री ने आगाह किया है कि देश में ईस्टर पर हुए विस्फोट के बाद सुरक्षा बलों को तलाशी अभियान के दौरान ऐसी घटनाओं से परहेज करना चाहिए जिससे कि कुछ लोगों पर लांछन लगे। ऐहतियात नहीं बरता गया तो देश के भीतर उदारवादी मुस्लिम कट्टरपंथ के रास्ते पर जा सकते हैं। नगर नियोजन, जल प्रबंधन और उच्च शिक्षा मंत्री रउफ हकीम ने कहा कि मुसलमान 21 अप्रैल को धमाके के बाद चलाए जा रहे तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों और पुलिस को सहयोग कर रहे हैं।

‘डेली मिरर’ में सोमवार को मंत्री को उद्धृत करते हुए कहा गया कि इन अभियानों के दौरान कुछ चिंताजनक घटनाएं हुयीं, जिससे बचा जाना चाहिए क्योंकि इससे देश में उदारवादी मुसलमान कट्टरपंथ के रास्ते जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि छिटपुट मामूली चीजों को सनसनीखेज बनाए जाने से कुछ लोगों पर सामाजिक लांछन लगा है। किसी के घर में अरबी या तमिल में लिखा हुआ इस्लामी साहित्य मिलता है तो उसे नहीं उठाया जाना चाहिए। यह आतंकवादी साहित्य नहीं है। मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ”हो सकता है कि कुछ लोगों के पास ओसामा बिन लादेन विरोधी या आतंकवाद विरोधी साहित्य हो। सुरक्षा बल ऐसे साहित्य पर स्पष्टीकरण के लिए मुस्लिम कार्य मंत्रालय से मदद ले सकते हैं।”