संसदीय समिति के सामने उर्जित पटेल को मनमोहन सिंह का सहारा

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल बुधवार को नोटबंदी के फैसले को लेकर अपना पक्ष रखने के लिए स्थाई संसदीय कमेटी के सामने पेश हुए। इस दौरान उन्हें कई मुश्किल सवालों का भी सामना करना पड़ा। बीच में उर्जित पटेल सवालों में फंसे भी तब उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बीच में दखल देते हुए सहारा दिया। सिंह ने उर्जित को उन सवालों को जवाब नहीं देने की सलाह दी, जिससे आरबीआई के लिए समस्याएं पैदा हों।

एनडीटीवी ने वित्तीय मामले की स्थाई संसदीय कमेटी के सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि जब कांग्रेस के सांसद ने उर्जित पटेल से एक सवाल पूछा तो मनमोहन सिंह ने उस सवाल का जवाब देने से मना कर दिया।

रिपोर्ट में बताया गया है कि कांग्रेस सांसद ने आरबीआई गवर्नर से पूछा था कि निकासी पर लगी मौजूदा पाबंदी हटा दीं जाए तो क्या अराजकता खत्म हो जाएगी। इस पर सिंह ने गवर्नर से कहा, ‘आपको इस सवाल को जवाब नहीं देना चाहिए।’

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उर्जित पटेल ने संसदीय कमेटी को बताया कि नोटबंदी की प्रक्रिया पिछले साल जनवरी में ही शुरू हो गई थी। उर्जित पटेल का यह बयान विरोधाभास पैदा कर रहा है। इससे पहले लिखित में कमेटी को बताया गया था कि नोटबंदी के ऐलान से एक दिन पहले सात नवंबर 2016 को सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को 500 और एक हजार रुपए के पुराने नोट बंद करने की सलाह दी थी।