सरीनिवासन तीसरी मर्तबा बी सी सी आई के सदर मुंतख़ब कोई मुख़ालिफ़त नहीं हुई

शदीद तन्क़ीदों और नाराज़गियों को ख़ातिर में लाए बगैर एन सरीनिवासन को आज बी सी सी आई का सदर मुंतख़ब करलिया गया।

क्रिकेट बोर्ड के सालाना जेनरल इजलास में मुसलसल तीसरी मीआद के लिए सरीनिवासन को सदर मुंतख़ब करलिया गया। हालाँकि सरीनिवासन को सदर मुंतख़ब करलिया गया है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के मज़ीद अहकाम तक वो इस ओहदा की ज़िम्मेदारी सँभाल नहीं सकेंगे। सरीनिवासन वाहिद सदारती उम्मीदवार रहे जिन्हें साउथ ज़ोन ने पेश किया था।

उसी ज़ोन से उन्हें तजवीज़ की ताईद करने वाले और उसे आगे बढ़ाने वाले अरकान की ताईद भी हासिल होगई। सालाना जेनरल बॉडी इजलास में हिंदुस्तान के मालियाती तौर पर सब से अमीर स्पोर्टस इदारा में सरीनिवासन की बरतरी वाज़िह तौर पर देखी गई उन के ख़िलाफ़ कल हुई कार्रवाई के ख़िलाफ़ किसी ने भी आवाज़ नहीं उठाई।

सरीनिवासन अभी सदर बी सी सी आई की ज़िम्मेदारी नहीं सँभाल पाएंगे। उनके ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में बिहार क्रिकेट एसोसीएश‌ण के सेक्रेटरी आदित्य वर्मा ने मुक़द्दमा दायर किया है और सुप्रीम कोर्ट की जानिब से क़तई फैसला तक सरीनिवासन बी सी सी आई सदर की ज़िम्मेदारी नहीं सँभाल सकते। सरीनिवासन ने आज कई सब कमेटियां तशकील दी हैं जो ये ज़ाहिर करती हैं कि बी सी सी आई पर उनका कितना कंट्रोल है।

तमाम अरकान और अहम कमेटियों के सरबराहान भी समझा जाता है कि सरीनिवासन के हामी हैं। सरीनिवासन का इंतिख़ाब यक़ीनी भी था हालाँकि ये भी हक़ीक़त है कि इस पर कुछ कयास अराएआं भी की गई थीं कि उनके दामाद और चेन्नई सुपर किंग्स के मालिक गुरु नाथ मेहपन के ख़िलाफ़ आई पी एल बैटिंग और स्पाट फिक्सिंग स्कैंडल में फ़र्द-ए-जुर्म पेश करदी गई है। सरीनिवासन की कंपनी इंडिया समेंटस चेन्नई सुपर किंग्स की मालिक है।

एक और अहम फैसला में ओडेशा क्रिकेट एसोसीएश‌ण के सरबराह रंजीब बिस्वाल को आई पी एल का सदर नशीन बनाया गया है जो राजीव शुक्ला के इस्तीफ़ा की वजह से ज़रूरी हुआ है। बिस्वाल इंडिया अंडर 19 के साबिक़ कप्तान और वर्ल्ड कप जीतने वाली हिंदुस्तानी टीम के मनेजर रहे हैं। वो साबिक़ में नेशनल क्रिकेट एकेडेमी के भी सदर नशीन रहे हैं। दूसरे अहम ओहदों में स्नेहा बंसल (शुमाल) रवी सावंत (वेस् ) और राजीव शुक्ला (सेंटर्ल) को अरूण जेटली निरंजन शाह और सुधीर दबीर की जगह नायब सदर बनाया गया है।

शेवलाल यादव और चतराक मित्रा को जुनूब और मशरिक़ी ज़ोन से नायब सदर बरक़रार रखा गया है। अरूण जेटली ने इंतिख़ाबी ज़िम्मा दारियों के पेश नज़र ये ज़िम्मेदारी छोड़ दी है जबकि शाह और दबीर को सरीनिवासन के मुख़ालिफ़ शरद पवार से क़ुरबत की वजह से इस ओहदा से महरूम होना पड़ा है। संजय पटेल को बी सी सी आई सेक्रेट्री और अनेरोध चौधरी को ख़ाज़िन बनाया गया है।

आई पी एल बैटिंग स्कैंडल के बाद इन ओहदों से संजय जगदाले और अजय‌ शर के ने इस्तीफ़े पेश करदिए थे। पटेल अब तक उबूरी सेक्रेटरी की हैसियत से काम कर रहे थे और आज उनके तक़र्रुर को बा ज़ाबता करदिया गया है। झारखंड क्रिकेट एसोसीएश‌ण के सदर अमीताभ चौधरी को बी सी सी आई की मार्किटिंग कमेटी का सदर नशीन बनाया गया है जबकि केरला क्रिकेट एसोसीएश‌ण के सदर टी सी मैथ्यू को नेशनल क्रिकेट एकेडेमी का सरबराह बनाया गया है।

आंध्रा क्रिकेट एसोसीएश‌ण के सेक्रेटरी गीगंगा राजू को बी सी सी आई फ़ैनानिस कमेटी का सरबराह और गोवा के विनोद फडके को मीडिया कमेटी की ज़िम्मेदारी दी गई है। दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट एसोसीएश‌ण के रवी जैन को मीडिया कमेटी का नायब सदर बनाया गया है। इत्तिफ़ाक़ की बात ये है कि गंगा राजू और फडके सरीनिवासन के मुख़ालिफ़ कैंप में थे ताहम उन्होंने माना कि जिस की वजह से उन्हें ये ओहदे हासिल हुए।

आई पी एल सदर नशीन के इंतिख़ाब के ताल्लुक़ से कोई फैसला करने में ज़्यादा वक़्त लगा। ये हालाँकि एक इंतिहाई अहम लेकिन एज़ाज़ी ओहदा है। इस में बहुत ज़्यादा सफ़र करने और टीमों और उनके मालकीयन से राबते रखने की ज़रूरत होती है। इस्ट ज़ोन की तमाम यूनिट्स बिस्वाल के हक़ में नहीं थीं लेकिन बाद में उनके नाम को क़तईयत देदी गई। इस ओहदा के लिए जगमोहन डालमिया के नाम पर भी ग़ौर किया गया लेकिन उनकी उम्र को देखते हुए ये ओहदा नहीं दिया गया।

ताहम सरीनिवासन की ताईद करने पर क्रिकेट एसोसीएश‌ण आफ़ बंगाल का ख़ास ख़्याल रखा गया और वहां के जवाइंट सेक्रेटरी सोबेर गंगोली को आई पी एल गवर्निंग कौंसिल में शामिल किया गया है। इस के इलावा क्रिकेट एसोसीएश‌ण आफ़ बंगाल के ख़ाज़िन बिस्वा रूप दे को फ़ैनानिस कमेटी में शामिल किया गया है। साबिक़ विकेट कीपर चंद्रकांत पण्डित को इंडिया अंडर 19 की सलेक्शन कमेटी का सदर नशीन बनाया गया है।