साइबर अपराधों के पीड़ित अपना पैसा वापिस पाने के लिए करते हैं संघर्ष

हर साल हज़ारो की संख्या में लोग साइबर अपराधों के शिकार होते हैं और अपना पैसा गवा देते हैं । कास्पेर्सकी लैब के अनुसन्धान से यह पता चलता है की ५२ प्रतिशत से अधिक इन्टरनेट उपयोगकर्ताओ ने जो पैसा खोया है वो उन्हें कभी वापिस नहीं मिला है ।

विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन वित्तीय खतरे दिन पर दिन बढ़ रहे हैं जिनमे ऑनलाइन धोखाधड़ी, पहचान की चोरी और हैकिंग के मामले शामिल हैं । इनमे से अधिकतर मामलो की सुचना न मिलने के कारण सम्भावना यह है इन मामलो का असली आर्थिक मूल्य काफी अधिक होगा।

अनुसंधान से पता चलता है कि कैसे यह मामले इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के लिए मेहेंगे साबित हो रहे हैं और कैसे साइबर अपराधियो के लिए आकर्षक बन रहे हैं। औसतन इंटरनेट उपयोगकर्ता हर एक हमले पर $ ४७६ खोते हैं और दस मे से एक व्यकित जिनका सर्वेक्षण किया गया था उन्होंने $ ५००० से अधिक खोये थे।

एक बहुत बड़ी संख्या में इन्टरनेट उपयोगकर्ता अपने वित्तीय कार्य इन्टरनेट के माध्यम से करते हैं और उनमे से आधे अपनी वित्तीय सुचना अपने उपकरणों पर सुरक्षित कर देते हैं । जैसे-जैसे इन्टरनेट उपयोगकर्ताआ अपने वित्तीय साधनो का सञ्चालन ऑनलाइन करने लगे हैं वैसे ही साइबर अपराधियो के अपराध बढ़ते जा रहे हैं । यह बहुत ज़रूरी हो गया है की इन्टरनेट उपयोगकर्ता अपने उपकरणों को पूरी तरह से सुरक्षित करें ।

“साइबर अपराधी लगातार शोषण और उपभोक्ताओं को छलने के लिए नए तरीकों की तलाश कर रहे हैं और यही कारण है कि यह महत्वपूर्ण है कि इंटरनेट उपयोगकर्ता हर समय सजग रहे,” व्याचेस्लाव ज़कर्ज़्हेवस्की,एंटी-मैलवेयर अनुसंधान दल के लैब प्रमुख ने कहा । “साइबर अपराधी मैलवेयर, फिशिंग और अन्य तरीको के माध्यम से वित्तीय अपराधों का संचालन कर सकते हैं । आप यह न सोचे की आपका चोरी हुआ पैसा हमेशा आपको मिल जायेगा। खुद को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है की आप पीड़ित न बने और इसके लिए हमारा सुझाव है की आप अच्छे से अच्छे सॉफ़्टवेयरों का इस्तेमाल करें जो आपकी पहचान को सुरक्षित रख सकें और साथ में आपके संवेदनशील डाटा को अपराधियो से बचा सकेगा”।