साधु की लिंग काटने वाली महिला आरोपों से पलटी, कहा-श्रीहरि ने बलात्कार नहीं किया

केरल में साधु की लिंग काटने वाली महिला ने अपने आरोपों से पलटी मार दिया है। महिला ने कहा है कि धर्मगुरु ने उसका बलात्कार नहीं किया था।

बीबीसी के मुताबिक, महिला ने अभियुक्त श्रीहरि उर्फ गणेशानंद तीर्थपदा के वकील को कथित तौर पर एक पत्र लिखा है जिसमें उसने कहा है कि श्रीहरि ने कभी भी उसका यौन शोषण नहीं किया। महिला ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि धर्मगुरु श्रीहरि उर्फ गणेशानंद बहुत दयालु और अच्छे इंसान हैं। उसने यह भी लिखा है कि वो परिवार के मुखिया की तरह थे।

आरोपी बाबा के वकील षष्ठमंगलम एस. अजीत कुमार का कहना है कि उन्होंने महिला का कथित पत्र पोस्को मामलों के विशेष जज पी.के. मिनीमोल की अदालत में जमा कराया है और उसी के आधार पर श्री हरि की जमानत की अर्जी दाखिल की है।

बाबा पर आरोप लगाने वाली महिला ने बीबीसी को बताया है कि श्रीहरि ने जिस पत्र के बारे में दावा किया उसे उन्होंने ही लिखा और उसकी लिखावट भी उन्हीं की है।

महिला ने पत्र में लिखे मज़्मून में आरोप लगाया है कि पुलिस ने मामले को पूरी तरह उल्टा कर पेश किया है। महिला ने पत्र में कहा है कि पुलिस स्टेशन में उसके बयानों को कई बार बदल-बदलकर कई बार लिखा गया।

महिला का कहना है, “मुझे मलयालम नहीं आती और ये बयान मुझे पढ़कर सुनाया नहीं गया। आखिरी बयान अधिकारियों ने लिखा था और जब मैं मेडिकल जांच के बाद लौटी तब मुझसे इस पर दस्तख़त कराए गए।”

हालांकि अपने पत्र में महिला ने इस बात से इनकार नहीं किया है कि वो 20 मई की रात स्वामी श्रीहरि का लिंग काटने के इरादे से चाकू लेकर गई थी और उसने अपने परिवार के एक करीबी अय्यप्पा दास के कहने पर ऐसा किया था।

उसने इस पत्र में लिखा है कि अय्यप्पा दास ने स्वामी और महिला के रिश्ते ये कहकर खराब करवाए थे कि स्वामी उसके माता-पिता को लूट रहे हैं। उसने यह भी लिखा है, ”लेकिन, सौभाग्यवश या दुर्भाग्यवश, मैंने वो नहीं किया जो मुझसे कहा गया था। स्वामीजी रो पड़े और मैं वहां से भाग गई।”

महिला ने अपने पत्र में कहा है कि अय्यप्पादास के कहे अनुसार वो एडीजीपी बी संध्या के घर गईं जहां छह-सात बार घंटी बजाई। लेकिन किसी ने दरवाज़ा नहीं खोला। फिर उसने 100 नंबर पर डायल किया और पुलिस आकर उसे पेथा पुलिस स्टेशन ले गई। इसके बाद महिला ने आरोप लगाया है कि अय्यप्पादास ने पहले भी एडीजीपी संध्या से शिकायत करने के लिए उकसाया था लेकिन वो नहीं गई थी। महिला ने यह भी लिखा है कि पुलिस ने उसे मजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 के तहत बयान में कही गई बातें दोहराने के लिए मजबूर किया।

गौरतलब है कि पिछले महीने श्रीहरि का लिंग काटने का मामला सामने आया था। उसके बाद बाबा श्रीहरि ने पुलिस के सामने दावा किया था कि उन्होंने खुद ही अपना लिंग काटने को कहा था क्योंकि उन्हें लगता था कि ये उनके किसी काम का नहीं है। लेकिन अब जिस तरह से महिला का यह पत्र के सामने आया उसने मामले को और भी गंभीर बना दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 19 जून को होगी।