साल 2016 में भारत की इन बेटियों ने मनवाया अपना लोहा

साल 2016 में देश की बेटियों ने देश का नाम रोशन किया। जब लड़के भारत के शान को बरकरार नहीं रख पाए तो उस वक़्त भारत की जांबाज बेटियों ने मेडल जीतकर विदेशी धरती पर तिरंगा लहराया। 2016 रियो ओलंपिक में अपना लोहा मनवाने वाली इन जाबांज बेटियों ने मैडल जीतकर पूरे देश का मान बढाया। आइए जानते हैं उन पांच बेटियों के बारे में।

साक्षी मलिक

हरियाणा की रहने वाली साक्षी मालिक का नाम रियो ओलंपिंक से शायद ही कभी इतना चर्चा में बना हो। लेकिन साक्षी वो महिला खिलाड़ी बनी जिसने भारत के लिए पदक जीत ओलंपिक में खाता खोला था। मात्र 23 साल की साक्षी ने कुश्ती में कांस्य पदक हासिल कर भारत का नाम रोशन कर किया। इसके साथ वह कुश्ती में इकलौता पदक लाने वाली खिलाड़ी रहीं।

पीवी सिंधू

हैदराबाद के रहने वाली पीवी सिंधु ने 2016 रियो ओलंपिक में रजत पदक हासिल कर भारत को दूसरा मेडल जिताया और भारत की बैडमिंटन स्टार बनी। सिंधु 120 साल के ओलंपिक इतिहार में भारत के लिए सिल्वर मेडल जीतने वाली पहली महिला हैं।

दीपा कर्माकर

त्रिपुरा की रहने वाली दीपा कर्माकर ने ओलंपिक खेलों में चाहे भारत के कोई मेडल जीतने नहीं दिलाया लेकिन 22 साल की दीपा ने जिम्नास्टिक के फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया। ओलंपिक खेलों की जिम्नास्टिक में 52 साल बाद पहली बार कोई भारतीय महिला एथलीट फाइनल में पहुंची।

दीपा मलिक

साल 2016 रियो पैरालंपिक खेलों में गोला फेंक एफ-53 प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल हासिल कर हरियाणा की दीपा मलिक ने इतिहास रच दिया। 46 की उम्र में तीन ट्यूमर सर्जरीज और शरीर का निचला हिस्सा सुन्न हो जाने के बावजूद दीपा ने पैरालंपिक में भारत के लिए पहला पदक जीतकर दीपा ने मिसाल कायम की। दीपा इसके अलावा भाला फेंक में एशियाई रिकॉर्डधारी होने के साथ ही गोला फेंक और चक्का फेंक में विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता भी हैं और स्विमिंग में इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा ले चुकी हैं।

अदिति अशोक

रियो ओलंपिक में भारत का नाम रोशन करने वाली बेटियों में युवा गोल्फर अदिति अशोक का भी नाम है। इन्होंने रियो ओलंपिक में पदक तो नहीं ​जीता लेकिन फिर भी अपने बेहतरीन खेल से सभी को प्रभावित जरूर किया। रियो ओलंपिक के समय 18 वर्षीय अदिति को पेशेवर गोल्फर बने महज 6 महीने ही हुए थे।