साहित्य चोरी के आरोपी जामिया के प्रोफेसर को बहाल करने पर कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को उस याचिका पर केंद्र और जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से जवाब मांगा जिसमें एक प्रोफेसर को बहाल किये जाने को निरस्त करने का अनुरोध किया गया था. उस प्रोफेसर को साहित्यिक चोरी के आरोप में विश्वविद्यालय से हटा दिया गया था.

मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की एक पीठ ने केंद्र और विश्वविद्यालय को नोटिस जारी किया और उनसे याचिका पर जवाब मांगा. याचिका में प्रोफेसर को बहाल कराने के लिए अदालत का आदेश कथित रूप से गढ़ने के लिए विश्वविद्यालय के विभिन्न अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई का अनुरोध किया गया है.

विश्वविद्यालय के एक पूर्व छात्र की ओर से दायर अर्जी में आरोप लगाया गया है कि प्रोफेसर ने अपनी पुस्तक ‘डेमोक्रेसी एंड मीडिया’ में पुस्तक ‘मीडिया, मार्केट्स एंड डेमोक्रेसी’ से नकल की है. याचिका में कहा गया है कि विश्वविद्यालय ने मई 2011 में प्रोफेसर को हटा दिया था. उसने फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी जहां एकल न्यायाधीश ने सितम्बर 2011 में और एक खंडपीठ ने अप्रैल 2012 में विश्वविद्यालय की ओर से उठाये गए कदम की पुष्टि की थी.