सिगरेट नोशी तर्क करने वालों के वज़न में इज़ाफ़ा का इमकान नहीं?

साईंसदाँ यूं तो सिगरेट नोशी के नुक़्सानात और इसके ज़िमनी असरात पर हमेशा कोई ना कोई तहक़ीक़ करते ही रहते हैं, ऐसी ही एक नई तहक़ीक़ में ये इन्किशाफ़ किया गया है कि उस नौजवान जो इस फ़िक्र में मुबतला हैं कि अगर उन्होंने सिगरेट नोशी तर्क करदी तो उनके जिस्म के वज़न में इज़ाफ़ा होजाएगा लेकिन साईंसदानों का कहना है कि नौजवान इस फ़िक्र में मुबतला ना हो क्योंकि सिगरेट नोशी तर्क करने से उनका वज़न नहीं बढ़ेगा।

न्यूज़ीलैंड की यूनीवर्सिटी आफ़ ओटागो के मुहक़्क़िक़ीन ने डेविंडन मल्टी डिसिप्लिनरी हैल्थ ऐंड डेवल्पमेंट स्टडी के तहत कम-ओ-बेश 1000 ऐसे अफ़राद का डैटा हासिल किया जो डेविंडन में 1972-73 के दौरान पैदा हुए। इस दौरान 15 ता 38 साल की उम्र के दरमयान के लोगों की सिगरेट नोशी की आदत और उनके वज़न का क़रीबी मुशाहिदा किया।

इन अफ़राद में से एक तिहाई अफ़राद ऐसे थे जिन्होंने 21 साल की उम्र से सिगरेट नोशी शुरू की थी। 17 साल तक सिगरेट नोशी और इस के बाद जब इसे तर्क किया गया तो इस्तिमाल करने वालों का वज़न उनके इन ही हम उम्रों के मुसावी होगया जिन्होंने ज़िंदगी में कभी सिगरेट नोशी नहीं की थी और अगर वज़न में इज़ाफ़ा भी हुआ तो वो सिर्फ़ 5 किलो का इज़ाफ़ा ही था जबकि उन अफ़राद के वज़न में कोई इज़ाफ़ा नहीं हुआ जिन्होंने सिगरेट नोशी का सिलसिला जारी रखा था।

ये इन्किशाफ़ मर्द और ख्वातीन सिगरेट नोशों के लिए मुसावियाना तौर पर सामने आया जबकि एक मुहक़्क़िक़ लनज़े राबर्टसन का कहना है कि फ़िलहाल इस तहक़ीक़ को अच्छा नहीं कहा जा सकता क्योंकि मज़ीद तहक़ीक़ जारी है।