सिमी के फरार 5 दहशतगर्दों की लोकेशन मिलीं

ज़राये के हवाले से खबर है कि सिमी के फरार दहशतगर्दों की लोकेशन मिल गई है. दहशतगर्दों की लोकेशन मगरिबी यूपी में मिली है. माना जा रहा है कि फरार दहशतगर्द बिजनौर, गाजियाबाद, मेऱठ, मुजफ्फरनगर या सहारनपुर में छिपे हो सकते हैं।

ज़राये के मुताबिक सेक्युरिटी एजेंसियों ने दहशतगर्दों की बातचीत भी रिकार्ड की है.वहीं एनआईए की टीम ने बिजनौर में डेरा डाल रखा है. बेंगलुरु ब्लास्ट में भी इनका हाथ होने का शक है.

मध्यप्रदेश की खंडवा जेल से फरार सिमी के जिन पांच दहशतगर्दों को मुल्क की सेक्युरिटी एजेंसियां तलाश कर रही है उन्होंने छुपने के लिए इस साल राजस्थान को अपना ठिकाना बनाया था। ज़राये के मुताबिक दहशतगर्दों का अलवर से कनेक्शन है।

इन लोगों ने इसी साल अलवर में तीन महीने गुजारे थे। अक्टूबर 2013 में खंडवा जेल से फरार होने के बाद फरवरी मार्च और अप्रैल में पांचों दहशतगर्द अलवर में किराए के मकान में रह रहे थे। पांचों ने यहां पर फर्जी नाम से सिम कार्ड भी खरीदे थे।

सेक्युरिटी एजेंसियों को इन दहशतगर्दों के ठिकानों की भनक लगती उससे पहले ही ये यहां से यूपी के बिजनौर रवाना हो गए थे। तीन दिन पहले ही राजस्थान पुलिस और एटीएस ने इन पांचों दहशतगर्दों के पोस्टर जारी किए थे।

मरकज़ी वज़ीर ए दाखिला राजनाथ सिंह की सदारत में हुई सीनीयर खुफिया व सेक्युरिटी ओहदेदारों की बैठक में क़ौमी जांच एजेंसी (एनआइए) को जांच सौंपने का फैसला नहीं हो पाया। बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने कहा कि जरूरत पडऩे पर एनआइए को जांच सौंपने का फैसला बाद में लिया जाएगा। इस बीच वज़ारत ए दाखिला ने कर्नाटक की हुकूमत से धमाके पर रिपोर्ट तलब की है।

इब्तिदायी जांच में धमाका के लिए सल्फर मिलने की तस्दीक हुई है, जिसमें कुछ नाइट्रेट के हिस्से भी मिले हैं।धमाका खेज के लिए किन चीजों का इस्तेमाल किया गया इसकी पूरी मालूमात एक-दो दिनों में पूरी जांच के बाद ही मिल पाएगी। एक सीनीयर आफीसर ने कहा कि धमाका खेज मवाद एक पाइप में भरा गया था और उसे पैक कर रखा गया था। बहुत ही कम शिद्दत वाले ऐसे धमाका करना सिमी के भगोड़े दहशतगर्दों की पहचान रही है। इसके पहले ये मई में चेन्नई में ट्रेन में और जुलाई में पुणे में ऐसे ही ब्लास्ट कर चुके हैं। सितंबर में ये पांचों उत्तर प्रदेश के बिजनौर में इसी तरह का धमाका खेज मवाद बना रहे थे, लेकिन बनाते वक्त ही धमाका होने का उनकी साजिश खत्म हो गई थी।

सीनीयर आफीसरने कहा कि इन पांचों दहशतगर्दों के जुनूबी हिंदुस्तान में होने और कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान में दहशतगर्दाना हमला करने की खुफिया मालूमात थी और इस ताल्लुक में 17 दिसंबर को ही सभी रियासतों को अलर्ट कर दिया था। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु धमाके के धमाका खेज मवाद को एक तेलुगु अखबार के मुकामी एडीशन में लपेटा गया था।

इससे साफ है कि इसे बेंगलुरु में ही बनाया गया था। ध्यान देने की बात है कि बिजनौर में ये दहशतगर्द माचिस की तीलियों से धमाका खेज मवाद बना रहे थे। उनके छिपने के मुकाम से बाद में पुलिस को सैकड़ों माचिस के खाली बाक्स मिले थे। इसके साथ ही बेंगलुरु में ध्माके के लिए इस्तेमाल घड़ी चेन्नई ट्रेन धमाके में मजकूरा घड़ी से काफी मिलती जुलती है।

सीनीयर आफीसरों के साथ बैठक के बाद वज़ीर ए दाखिला ने कहा कि वे जांच में रियासती हुकूमत को हर मुम्किन खिदमात देने के लिए तैयार हैं। इसके साथ ही उन्होंने कर्नाटक के साथ‍साथ दिगर रियसतों को बड़े शहरों में हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगाने की सलाह दी। बताया जाता है कि उन्होंने खुफिया व सेक्युरिटी एजेंसियों को सिमी के फरार पांचों दहशतगर्दों को जल्द से जल्द ढूंढ निकालने की हिदायत दिये है।