सीबीआई का क्लर्क जाली पहचान पत्र जारी करने के रैकेट में शामिल था

सीबीआई ने ऐसे रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसमे उनके विभाग मे शामिल एक अधिकारी और दो अन्य व्यक्तियों का पता चला है जो एजेंसी के नकली पहचान पत्र जारी करते थे।

रैकेट में कथित रूप से सीबीआई का एक क्लर्क, गुलज़ारी लाल ; लोक नायक भवन में एक कैंटीन ऑपरेटर, यादव और एक महिला ‘मामी’ शामिल हैं।

एजेंसी ने हाल ही में इन अभियुक्तों के परिसरों की खोज की।

सीबीआई की एफआईआर के अनुसार, एजेंसी को इस गिरोह की गतिविधियों के बारे में तब पता चला जब वो एक दूसरे मामले की जांच कर रहे थे जिसमे डीएसपी नीरज अग्रवाल पर रिश्वत का आरोप था।

इस मामले की जांच के दौरान, अग्रवाल, जो सीबीआई के बैंकिंग विभाग में धोखाधड़ी के मालमे में गिरफ्तार किये गए थे उनसे पूछताछ की जा रही थी । अग्रवाल को इस साल 22 अप्रैल को एक अन्य व्यक्ति , भास्कर तिवारी उर्फ ​​समीर तिवारी सहित गिरफ्तार किया गया था।

जांच के दौरान एजेंसी को एक ऐसा पहचान पत्र मिला जिसमे तिवारी को एजेंसी के इंस्पेक्टर के रूप मे दिखाया गया था।

पूछताछ के दौरान, तिवारी ने कथित तौर पर कबूल किया कि गुलज़ारी लाल ने उसे नकली पहचान पत्र जारी किया था।

एफआईआर के अनुसार, उसने कहा कि वह लोक नायक भवन में एक कैंटीन ऑपरेटर, यादव के माध्यम से वह उसके संपर्क में आया था।

एफआईआर के अनुसार,”भास्कर तिवारी और गुलज़ारी लाल की पूछताछ के दौरान, एक महिला ‘मामी’ का नाम भी सामने आया। यह दोनों व्यक्ति सीबीआई के नकली पहचान पत्र तैयार करने के रैकेट में शामिल थे , जिसका ज़ाहिर तोर पर दुरूपयोग होता था”।

सीबीआई का मानना है की है कि इन लोगो ने गलत तरीके से काम करने के लिए कई और अधिक नकली पहचान पत्र तैयार किये है।