सीमांध्र को 50 हज़ार करोड़ रुपये का फ़ायदा , राहुल गांधी का अहम रोल

मर्कज़ी वज़ीर जय राम रमेश ने कहा कि सीमांध्र को ख़ुसूसी रियासत का दर्जा मिलने से तक़रीबन 50 हज़ार करोड़ रुपये का फ़ायदा होगा।

लम्हा आख़िर में राहुल गांधी ने वज़ीर-ए-आज़म पर दबाओ डालते हुए उन्हें राज़ी किराया है। बी जे पी का दावा झूटा और बेबुनियाद है। हैदराबाद की आमदनी सिर्फ़ और सिर्फ़ तेलंगाना के लिए ख़र्च होगी।

आर्टीकल 371 डी दोनों रियासतों में बरक़रार रहेगा। टी आर एस ने तहरीक चलाई जबकि कांग्रेस ने अलाहिदा तेलंगाना रियासत तशकील दी है। इत्तेहाद और इंज़िमाम के मुआमले में दोनों जमातों में मुज़ाकरात जारी हैं।

तहरीकात का दौर ख़त्म हुआ, तरक़्क़ी का दौर शुरू होगा। आज गांधी भवन में प्रेस कांफ्रेंस से ख़िताब करते हुए ये बात बताई। इस मौके पर सदर प्रदेश कांग्रेस कमेटी बी सत्य नाराय‌ना , ऑल इंडिया कांग्रेस एससी सेल के सदर के राजू भी मौजूद थे।

जय राम रमेश ने सियासी मुफ़ादात के लिए तेलंगाना रियासत तशकील देने की तरदीद करते हुए कहा कि तेलंगाना का मुआमला 60 साला क़दीम है। 1960 से अलाहिदा तेलंगाना तहरीक चलाई जा रही है जिस के जवाब में 1970 में जय आंध्र की तहरीक शुरू हुई। 2004 में कांग्रेस ने अलाहिदा तेलंगाना रियासत से इत्तेफ़ाक़ किया।

2009 में राज शेखर रेड्डी ने कांग्रेस के फ़ैसले को असेंबली में दुहराया था। साबिक़ चीफ़ मिनिस्टर के रोशिया ने 7 दिसमबर को तेलंगाना के मसले पर कुल जमाती मीटिंग तलब किया जबकि 9 दिसमबर 2009 को उस वक़्त के मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला चिदम़्बरम ने अलाहिदा तेलंगाना रियासत तशकील देने का एलान किया था।