सुधरने की बात नहीं करते हैं मुसलमान: RSS

आरएसएस के अखबार  ‘पांचजन्य’ ने डॉ. बी.आर. अम्बेडकर को केवल दलित नेता के तौर पर पेश किए जाने पर वार किया है। इसके मुताबिक़ अम्बेडकर एक राष्ट्रवादी थे, जिन्होंने सोच समझकर खुद को पश्चिमी विचारों और उसके प्रभावों से दूर रखा। अम्बेडकर ने कहा था कि हिंदू अपने समाज में फैली बुराई को खत्म करने के लिए काम करते हैं, Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये जबकि मुस्लिम ऐसा नहीं करते।

इसमें अम्बेडकर के कामों को याद करते हुए लिखा है कि जब अमेरिकी लेखक ने लिखा कि हिंदू धर्म जातिगत भेदभाव से भरा है, जबकि इस्लाम में भाईचारे की इजाजत है तो अम्बेडकर ने इसका खंडन किया और लेखक को चुनौती देते हुए कहा था कि इस्लाम भी गुलामी और दासता से मुक्त नहीं है।

आरएसएस ने इसमें बताया है कि अम्बेडकर ने साफ कहा है कि हिंदू धर्म में बुराइयां हैं लेकिन उन  लोगों को अपनी कमजोरी के बारे में पता होता है और वे बुराइयों को खत्म करने के लिए पहले से सक्रिय हो जाते हैं। दूसरी ओर मुसलमानों को नहीं पता कि उनमें भी बुराई है और इसीलिए वे इसे खत्म करने की कोशिश नहीं करते।’