सूटकेस से बेहतर है सूट-बूट की सरकार : मोदी

नई दिल्ली: वज़ीर ए आज़म नरेंद्र मोदी ने अपनी हुकूमत के एक साल पूरा होने के मौके पर कांग्रेस के नायब सदर राहुल गांधी के ‘सूट-बूट वाली सरकार’ के जुमले पर तीखा हमला किया. उन्होंने कहा कि सूट-बूट वाली सरकार सूटकेस वाली हुक्मरानी से बेहतर होती है.

न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में वज़ीर ए आज़म ने कहा कि, ‘सूट-बूट यकीनी तौर पर सूटकेस से ज़्यादा कुबूल के लायक है. 60 सालों तक हुक्मरानी के बाद कांग्रेस को अचानक गरीबों की याद आयी. कांग्रेस की पालिसी के सबब इस मुल्क के लोगों को काफी सहना पड़ा और वे गरीब बने रहे.’ कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए मोदी ने कहा कि, ‘क्या कोयला और स्पेक्ट्रम घोटाले या Commonwealth की नाकामी से गरीबों को कोई फायदा हुआ? सभी लोगों को मालूम है कि इसके मुफादी कौन थे… कुछ चुने हुए सनअतकार और ठेकेदार.’

यह पूछे जाने पर कि एक साल पूरा होने पर वह अपनी हुकूमत को 10 में से कितने नंबर देते हैं. उनका जवाब था, ‘यह इस मुल्क के लोगों का हक है कि वह हमें किस तरह से देखते हैं. मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि हमने एक मजबूत बुनियाद रखी है.’

अच्छे दिनों के वादे के साथ हुकूमत में आई मोदी सरकार पहले साल के बाद कितने वादे पूरे कर पाई है, इसके जवाब में मोदी कहते हैं, ‘इस साल की सबसे अच्छी बात यह रही है कि हम इस वादे को पूरा करने में कामयाब रहे हैं कि हमारा इरादा साफ है और हमारा काम लंबे अर्से के लिए मुल्क के मुफाद में है. साल भर पहले हुकूमत के अलग-अलग सतहों पर बदउनवानी यानी करप्शन के इल्ज़ाम लग रहे थे और अभी की हालात इससे अलग है.

हमने एक साफ सुथरी और ताकतवर सरकार दी है.’

उन्होंने कहा कि, ‘क्या बुरे दिनों की रुखसती मुल्क के लिए अच्छे दिन नहीं है?’ सरकार के रवैये के सवाल पर मोदी का कहना था कि, ‘हम ब्लैक मनी और टैक्स की चोरी से कड़ाई से निपटना चाहते हैं. G-20 की बैठक में हमने इस मुद्दे को उठाया.

कैबिनेट की पहली ही बैठक में SIT की तश्कील का फैसला किया. इस मसले पर हम पार्लियामेंट में कानून ले कर आए जो बेहद सख्त है.’

सियासी तौर पर Land acquisition के मुद्दे पर मोदी ने कहा कि अपोजिशन का एहतिजाज बदकिस्मती है. , Land acquisition का हुकूमत की भागीदारी वाली तरक्की की सरगर्मियां जरूरी है, खासकर पिछड़े इलाको में. हम इस मसले पर अपोजिशन पार्टियों के साथ बातचीत करने को तैयार हैं.’

मरकज़ी काबीना की तरफ से Land Acquisition Ordinance को तीसरी बार लागू करने के फैसले के बीच मोदी ने एक दूसरे इंटरव्यू में कहा कि यह बिल मेरे लिए ज़िंदगी या मौत का मौज़ू नहीं है. ‘द ट्रिब्यून’ अखबार को दिए इंटरव्यू में वज़ीर ए आज़म ने कहा कि, ‘यह मेरे लिए ज़िंदगी या मौत का मौज़ू नहीं है और न ही यह मेरी पार्टी या हुकूमत का एजेंडा था. मैं इस बारे में कोई भी सुझाव कुबूल करने को तैयार हूं.’

पहले के फौजियों के लिए एक रैंक, एक पेंशन से जुड़े तनाज़ा पर पीएम ने अखबार से कहा, ‘हम एक रैंक, एक पेंशन के लिए पुरअज़्म हैं, लेकिन इसकी तारीफ ( डिफीनेशन) के बारे में सेक्युरिटी मुलाज़्मीन से बात चीत कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘हमारी हुकूमत यहां पांच साल के लिए है और हम मुताल्लिक लोगों से तबादला ख्याल किए बिना कुछ भी नहीं कर सकते. बातचीत सरगर्मी से आगे बढ़ रही है. इस बारे में किसी तरह के शक व शुबा की जरूरत नहीं है.