सोशल मीडिया: इतिहास में मनमोहन सिंह को अर्थशास्त्री और नरेंद्र मोदी को व्यर्थशास्त्री के नाम से जाना जाएगा

नोटबंदी को लेकर राज्यसभा में गतिरोध जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्यसभा में आने को लेकर लगातार मांग हो रही थी। विपक्षी दलों की मांग थी कि प्रधानमंत्री खुद आकर नोटबंदी के अपने फैसले पर सफाई दें। लगभग एक हफ्ते से सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर प्रतिक्रियाएं आ रहीं थी। छह दिन बितने के बाद प्रधानमंत्री शीतकालीन सत्र में गुरुवार को राज्यसभा पहुंचे पर उन्होंने बहस में भाग नहीं लिया। इसके बाद वो फिर सोशल मीडिया पर विरोधियों के निशाने आ गए। लोगों ने पूरी कार्रवाई के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार ट्रेंड किया। मनमोहन सिंह गुरुवार को पूरी तरह से छाये रहे।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में बहस की शुरुआत करते हुए नोटबंदी के फैसले को यादगार कुप्रबंधन करार दिया। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से जीडीपी में 2 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। नोटबंदी के अमल में काफी अव्यवस्था दिख रही है। बदइंतजामी से लोग परेशान हैं। प्रधानमंत्री को इस योजना को रचनात्मक तरीके से लाना चाहिए था। प्रधानमंत्री ने लोगों से 50 दिन मांगे हैं, जो लोगों पर भारी पड़ेंगे। आरबीआई और पीएमओ इसे लागू करने में पूरी तरह फेल रहे। आपने ऐसा किस देश में सुना है कि पैसा जमा कराने के बाद निकालने की इजाजत नहीं होती। उन्होंने यह भी कहा कि नेटबंदी के कृषि, लघु उद्योग और असंगठित क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित होंगे।

इसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि राज्यसभा में उपस्थित प्रधानमंत्री मोदी इस कोई टिप्पणी देंगे पर उन्होंने कुछ बोला। इसके बाद कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों ने मनमोहन सिंह के भाषण को सोशल मीडिया पर खुब ट्रेंड किया।

सबसे पहले कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर लिखा कि डॉ मनमोहन सिंह जैसे मृदुभाषी व्यक्ति के बेहद कठोर शब्द इस (नोटबंदी) फैसले की वजह से पैदा हुई ये कड़ी वास्तविकताएं हैं। इनका हमें एहसास होना चाहिए।

https://twitter.com/digvijaya_28/status/801721996606205956

वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने लिखा कि आज भी जब राज्यसभा में आर्थिक मुद्दों की बात आती है तो जीवन का आठवां दशक देख रहे मनमोहन सिंह सबसे भरोसेमंद लगते हैं। दूसरों की बातों में शब्दों का आडंबर ज्यादा होता है, तार्किकता कम होती है।

https://twitter.com/sardesairajdeep/status/801722228555612161

अमन शर्मा नाम के एक टवीटर हैंडलर ने लिखा “दो बार प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री, रिजर्व बैंक के गवर्नर, कैंब्रिज से अर्थशास्त्र की पढ़ाई, ये हैं मनमोहन सिंह। वे पूरी भाजपा से ज्यादा अर्थशास्त्र जानते हैं।”

https://twitter.com/AmanKayamHai_ET/status/801697341237383168

2000 का नोट-डॉन नाम के एक हैंडलर ने लिखा “आज मनमोहन सिंह बोल रहे हैं…और नरेंद्र मोदी जी सुन रहे हैं। जब मनमोहन सिंह ‘बोल’ सकते हैं तो समझ लीजिए कि देश में कितनी तकलीफ होगी।”

डिम्पल ने लिखा “इतिहास में मनमोहन सिंह को अर्थशास्त्री और नरेंद्रमोदी को व्यर्थ शास्त्री के नाम से जाना जाएगा।”

https://twitter.com/sarikaloves2002/status/801835822588841984

अभिनेता और कांग्रेंस नेता राजब्बर ने लिखा “नोटबंदी को लागू करने का तरीका प्रबंधन की ऐतिहासिक असफलता का स्मारक है। ये जनता के पैसे की लूट का भव्य आयोजन है। – डॉ मनमोहन सिंह।”

https://twitter.com/RajBabbarMP/status/801797349999685632