सोशल मीडिया: नोटबंदी और प्रसव पीड़ा के बयान पर लोगों ने की कानून मंत्री की निंदा

बीजेपी के आईटी सेल द्वारा आयोजित एक समारोह में कुछ दिन पहले केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद द्वारा नोटबंदी के कारण हो रही परेशानियों पर दिए गए बयान जिसमें उन्होंने नोटबंदी की तुलना ‘‘प्रसव पीड़ा’’ से की थी। प्रसाद ने कहा था कि नोटबंदी देश को कैशलेस अर्थव्यवस्था बनाने का एक बेहतर मौका है। प्रसाद ने कहा, ‘‘लोगों को थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ेगा लेकिन यह पीड़ा उस पीड़ा की तरह है जो एक महिला प्रसव के दौरान झेलती है। अंतत: सभी को उसी तरह खुशी का एहसास होगा जैसा कि बच्चे के पहली बार रोने पर होता है। उनके इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है और लोग इसकी काफी आलोचना कर रहे हैं। एक यूज़र्स ने लिखा है कि आखिर ये लेबर पैन सिर्फ गरीबो के लिए ही क्यों हैं नेताओं और अमीर लोगों के लिए क्यों नहीं।
दूसरे यूज़र ने लिखा कि इसका मतलब देश को पटरी पर आने में अब भी आठ महीने बचे हुए हैं।
AIB के रोहन जोशी ने पूछा कि क्‍या मंत्रीजी को पता है कि भारत में हर साल बच्‍चे को जन्‍मते समय 45,000 महिलाओं की मौत हो जाती है।
टीएमसी के सदस्‍य डेरेक ओ’ब्रायन ने प्रसाद की टिप्‍पणी को ‘भद्दी उपमा’ करार दिया।

 

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