सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए पत्रकार गिरफ़्तार

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पुलिस के मुताबिक़ दंतेवाड़ा जिले से एक पत्रकार को कथित तौर पर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, । इस गिरफ़्तारी की सूचना के बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है की वह पत्रकारों की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है |

प्रभात सिंह को दंतेवाड़ा जिले से 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।उन्हें 15 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिये जाने के बाद कल जगदलपुर अदालत में पेश किया गया |

बस्तर सुपरिटेंडेंट आर एन डैश ने बताया कि “सिंह ने कथित तौर पर इस महीने की शुरुआत में व्हाट्सऐप ग्रुप पर एक अपमानजनक संदेश पोस्ट किया था जिसके बाद बीजापुर स्थित पत्रकार संतोष तिवारी और अन्य लेखकों द्वारा शिकायत के बाद आईटी एक्ट के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया |

उन्होंने कहा इससे पहले पिछले साल भी उनके ख़िलाफ़ दंतेवाड़ा के विभिन्न पुलिस स्टेशनों तीन अन्य मामले दर्ज हैं |इनमें से दो IPC की धारा 420(धोखाधड़ी से संबंधित हैं जिसमें उन्होंने गीदम और बसरूर इलाक़े में ग्रामीणों के मेकिनमनी और फर्ज़ी आधारकार्ड बनवाने का आरोप लगा है |

एसपी ने कहा कि ” हमारे रिकॉर्ड के अनुसार प्रभात पत्रकार नहीं है। कैसे एक पत्रकार को आधार कार्ड बनाने के कार्य में शामिल किया जा सकता है,|

इस बीच, सिंह के भाई विष्णु ने दावा किया है कि उनके भाई को (बस्तर) के पंखर क्षेत्र में हुई एक मुठभेड़ , जिसमें एक बेगुनाह आदिवासी को हाल ही कथित फर्जी मुठभेड़में बस्तर पुलिस द्वारा मारा गया था पर रिपोर्टिंग के लिए उन्हें पुलिस द्वारा निशाना बनाया जा रहा है |

विष्णु ने कहा कि इसके अलावा, 1 मार्च को प्रभात ने संतोष तिवारी, महेश राव (स्थानीय पत्रकारों) और सामाजिक एकता मंच, एक सामाजिक संगठन है जो पुलिस के साथ-साथ नक्सल विरोधी जन घटनाओं का आयोजन करता है के सदस्यों के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें बदनाम करने के लिए उन पर आरोप लगाय गये हैं कि उन्होंने ‘बस्तर समाचार’ नाम से व्हाट्सऐप ग्रुप में अपमान जनक भाषा का प्रयोग किया गया है |

उन्होंने आरोप लगाया कि शिकायत के बावजूद दंतेवाड़ा पुलिस ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी और अब उनके भाई को झूठे मामले में घसीटा जा रहा है |

राज्य में विपक्षी कांग्रेस ने भी सिंह की गिरफ्तारी का विरोध किया है, जिसमें आरोप लगाया है कि पुलिस लगातार बस्तर में पत्रकारों को चुप कराने की कोशिश कर रही है |

पार्टी की राज्य महासचिव शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पीटीआई को बताया कि “लोकतंत्र का चौथे स्तंभ बस्तर में सुरक्षित नहीं है। पत्रकारों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। बस्तर जल रहा है और लोग प्रशासन और सुरक्षा बलों के अत्याचार से पीड़ित हैं। वहाँ लोकतंत्र की हत्या की जा रही है” |