स्टेज पर एकसाथ नज़र आए मौलाना तौकीर रज़ा खाँ तथा महमूद मदनी

लखनऊ: “मिल्ली मसाईल पर इत्तिहाद की मिसाल पेश करें यही वक्त की ज़रूरत है” – महमूद मदनी
“अगर फिरकों में बँटे रहे तो जुल्म व सितम नहीं रूकेगा”
उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ के तारीख़ी मैदान में मुसलमानों के देवबंदी ,बरेलवी मसलक के दो अहम शख़्सियतों ने मौजूदा मिल्ली मसाईल के हल के लिये तमाम मसलकी इख़्तिलाफात से ऊपर उठते हुये मुत्तहिद होने की दावत दी । जमीयते उलेमा हिंद के कौमी जनरल सेक्रेटरी मौलाना महमूद मदनी ने मौलाना तौकीर रज़ा का शुक्रिया अदा करते हुये कहा कि हम सब को मौलाना की इस कोशिश की हिमायत करना चाहिये कि हमारे दरमियान मसलकों से बढकर मिल्ली मसाईल पर मुत्तहिद होने का एक तारीख़ी कदम उठाया है । मौलाना मदनी ने कहा कि मुसलमान अपने अकीदे और मसलक पर कायम रहते हुये मिल्ली मसाईल पर एकजुटता का तारूफ दें यही वक्त की ज़रूरत है । मौलाना तौकीर रज़ा ने जो कदम उठाया है उसका शुक्रिया अदा करता हूं और अपील करता हूँ कि उन कि ये कोशिश कामयाब हो तथा सारे मुसलमान इनका आगे बढकर सहयोग प्रदान करें ।

बरेली से आये मौलाना तौकीर रज़ा खांन ने कहा कि मसलक का इख़्तिलाफ हमारे घर का मामला है इसे बाहर न जाने दें, उन्होंने कहा कि अगर हम मस्लकी इख़्तिलाफ पर एक नहीं हो सकते तो मिल्ली मसाईल पर तो इत्तिहाद कायम कर सकते हैं । जब तक हम अपने मसलकी इख़्तिलाफ को भूल कर एकजुट नहीं होंगे तब तक नाइंसाफी , ज़ुल्म और हक़ के लिये मुसलमानों के साथ होने वाली ये बीमारियां खुद सही नहीं होंगी , इस बीमारी से लडने के लिये हम सबको एकजुटता से सामना करना होगा तभी इस बीमारी को ठीक किया जा सकेगा !