हज़रत अबदुलसत्तार ख़ां का इंतिक़ाल नाक़ाबिल तलाफ़ी नुक़्सान

सज्जादा नशीन बारगाह हज़रत बंदा नवाज़ (रह) हज़रत मौलाना सय्यद शाह ख़ुसरो हुसैनी ने हज़रत मौलाना प्रोफेसर मुहम्मद अबदुलसत्तार ख़ां के सानिहा इर्तिहाल पर एक ताज़ियती (शोक) बयान (शंदेश ) में कहा कि हज़रत मौलाना प्रोफेसर मुहम्मद अबदुलसत्तार ख़ां साबिक़ा सदर शोबा अरबी उस्मानिया यूनीवर्सिटी-ओ-ख़लीफ़ा मुहद्दिस दकन (रह) हैदराबाद के सानिहा इर्तिहाल हमारे लिये वजह रंज-ओ-ग़म है ।

मौसूफ़ ने मुमताज़ मुफ़क्किर , मुदब्बिर और अरबी अदब में महारत के साथ हर दिल अज़ीज़ उस्ताद की हैसियत से ने जो ख़िदमात अंजाम दी हैं वो नाक़ाबिल फ़रामोश हैं ।

आप के ये अज़ीम कारनामे , दीनी-ओ-मज़हबी अज़ीम ख़िदमात , रशद-ओ-हिदायत का एक तवील सिलसिला ,क़ौम की रहबरी-ओ-रहनुमाई के लिये अख़बारात के ज़रीए आप के मज़हबी मज़ामीन का शाय (प्रकाशित ) होना रहती दुनिया तक यादगार साबित होंगे ।

मौजूदा दौर में हज़रत मौसूफ़ का बदल मुश्किल नज़र आता है । अल्लाह ताला से बोसिला हज़रत ख़्वाजा गेसूदराज़ बंदा नवाज़ (रह) दुआ करता हूँ कि अल्लाह ताला

मौलाना ममदूह को अपनी ज्वार रहमत में और जन्नत के आला मुक़ाम पर जगह अता फ़रमाए , अहल ख़ानदान , अक़ीदत मंदों-ओ-मिरीदीन को सब्र जमील अता फ़रमाए । आमीन ।