हत्या के 22 साल पुराने मामले में भाजपा विधायक सहित 10 को उम्र कैद

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हमीरपुर जिले में 22 वर्ष पुराने गोली चलाने के एक मामले में बीजेपी विधायक अशोक सिंह चंदेल और अन्य नौ लोगों को आजीवन कारावास की शुक्रवार को सजा सुनाई. इस घटना में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की जान चली गई थी.

राज्य सरकार और शिकायतकर्ता राजीव शुक्ला की अपील आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने हमीरपुर के अपर सत्र न्यायाधीश के 15 जुलाई, 2002 के निर्णय को पलट दिया जिसमें चंदेल सहित सभी 10 आरोपियों को बरी कर दिया गया था. राज्य सरकार और शिकायतकर्ता राजीव शुक्ला ने जिला और सत्र न्यायाधीश के निर्णय को चुनौती दी थी.

गौरतलब है कि 26 जनवरी, 1997 को हमीरपुर में स्थानीय बीजेपी नेता राजीव शुक्ला और अशोक सिंह चंदेल के बीच मामूली कहासुनी हो गई थी जो बड़े झगड़े में बदल गई और गोलीबारी हुई जिसमें शुक्ला के दो बड़े भाई राकेश, राजेश और नौ वर्षीय भतीजे अंबुझ, वेद नायक और श्रीकांत पांडेय की मौत हो गई थी.

इस घटना में दो बच्चों समेत और पांच लोग गोली लगने से घायल हुए थे जिसके लिए अशोक चंदेल एवं अन्य नौ लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. इस मामले की जांच के बाद पुलिस ने चंदेल एवं अन्य नौ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था.

लंबे मुकदमे के दौरान 15 जुलाई, 2002 को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा चंदेल समेत सभी 10 लोगों को इस आधार पर बरी कर दिया गया था कि गवाहों के बयान संदेहपूर्ण हैं. इस निर्णय को राजीव द्वारा उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई.

 

हमीरपुर से एक बार सांसद और चार बार विधायक रहे अशोक सिंह चंदेल ने अपना राजनीतिक कैरियर 1989 में एक निर्दलीय विधायक के तौर पर शुरू किया था. उसे बसपा के टिकट पर 1999 में हमीरपुर से सांसद चुना गया. वर्तमान में वह बीजेपी के विधायक है.