हमें क़ुरआन समझ में आ गया तो दुनिया की हर चीज़ समझ में आ जायेगी- मौलाना असरारुल हक़

कोलकाता। क़ौम वो मिल्लत में दीनी और इल्मी बेदारी की लहर पैदा करने के लिए मुफक्किरे मिल्लत हज़रत मौलाना असरारुल हक़ क़ासमी मदजिल्लहु की अनथक कोशिशों का एक मिसाली नमूना दारुल उलूम असरारिया, संतोषपुर के सालाना प्रोग्राम में शिरकत के बाद देखने को मिला।

इब्तेदायी ता इंतेहाई दर्जात के खूबसूरत और दिलकश तालीमी मज़ाहरों में अज़ीज़ तोलबा की अनथक मेहनत और उन तोलबा की क़ाबिले क़द्र तालीम व तरबीयत में लायक़ व फ़ाएक असातेज़ा की इख्लास व लिल्लाहियत से भरपूर शबाना रोज़ जद्दो जेहद का अक्स नुमाया तौर पर नज़र आया।

हज़रत मौलाना ने अपने तक़रीर में कहा कि आज के पुरफितन दौर में क़ुरआन व सुन्नत की तालीम व तरबीयत और नौनेहलाने उम्मत को ज़ेवर तालीम से आरास्ता करने के लिए ऐसे इलाक़ों में दीनी दर्सगाहों का क़याम वक़्त की अश्द ज़रूरत है।इन दर्सगाहों में आज एक चराग रौशन होगा तो मुस्तक़बिल में उस एक चराग से लाखों चराग रौशन होंगे।

मौलाना ने ख़ास तौर से क़ुरान के तालीम को आम करने के लिए कहा और क़ुरान को समझने पर ज़ोर दिया। और कहा कि अगर हमें क़ुरआन समझ में आ गया तो दुनिया की हर चीज़ हमको समझ में आ जायेगी। मालूम हो कि मौलाना असरारुल हक़ कासमी पुरे देश में तकरीबन 160 मदरसे चलाते हैं।

हर मदरसा मॉडर्न और अपटुडेट होते हैं। उनके मदरसों में बेहतरीन इंतजाम के अलावा बच्चों का भी ख्याल रखा जाता है। हर मदरसों में शिक्षा के लिए इस्लामिक शिक्षा के अलावा इंग्लिश, मैथ्स और अंग्रेजी की भी पढ़ाई होती है।

हज़रत ने कहा कि इन इदारों से क़ौम व मिल्लत को एक रौशनी मिल रही है जो हाल और मुस्तक़बिल को रौशन करने के साथ साथ इंसान की उखरवी ज़िन्दगी को भी बामुराद करेगी। अल्लाह क़ुरआन व सुन्नत की रौशनी बांटने वाले ऐसे इदारों को तरक़्क़ीयात से नवाज़े। आखिर में हज़रत मौलाना के दुआईया कलमात के बाद जलसे का इख़्तेतामम हुया।

डॉ ज़ुल्फेकार अली आज़मी की रिपोर्ट, कोलकाता