हर बस हादसे के लिए ड्राईवर ज़िम्मेदार

हैदराबाद 12 सितम्बर: सड़क हादसों का जायज़ा लेने से मालूम हुआ है कि ज़्यादा-तर जान-लेवा हादसे आरटीसी बसों की टक्कर से हो रहे हैं और तेलंगाना में एसे हादसों में स्टेट आरटीसी के ड्राईवरस के ख़िलाफ़ केस दर्ज किए गए हैं। साल 2015-16 में 827 हादसात आरटीसी बसों की टक्कर से हुए हैं।

इन हादसात में 402 हलाकतें हुई हैं। आरटीसी बस ड्राईवरस के ख़िलाफ़ पुलिस ने केस दर्ज किए हैं। बताया गया कि हादसे के फ़ौरी बाद आरटीसी बस ड्राईवर को मुअत्तल कर दिया जाता है। अगर ये साबित हो जाएगी कि हादसा ड्राईवर की ग़लती की वजह से हुआ है तो उसे मुलाज़िमत से बरख़ास्त कर दिया जाता है।

आरटीसी के एक ओहदेदार ने कहा कि हादसे के लिए बस ड्राईवर का क़सूर ना हो तब भी पुलिस ड्राईवरस के ख़िलाफ़ एफ़ आई आर फाईल करती है। पुलिस ये इक़दाम महलूक के विरसा को आरटीसी से मुआवज़ा दिलाने के लिए करती है। आरटीसी हर साल मुतास्सिरीन को 50 करोड़ रुपए मुआवज़ा अदा कर रही है। एक रिटायर्ड पुलिस ओहदेदार वेंकट रेड्डी ने जो अब हादसात के तहक़ीक़ाती ओहदेदार की हैसियत से तेलंगाना आरटीसी की मदद कर रहे हैं, कहा कि हमने अब तक यही देखा है कि हादसे के लिए बस ड्राईवर की ग़लती हो या ना हो ड्राईवर के ख़िलाफ़ ही पुलिस एफ़ आई आर दर्ज करती है।

डिप्टी कमिशनर पुलिस ट्रैफ़िक साइबराबाद रंगनाथ ने कहा कि ये बात एक हद तक सच्च है कि जुज़वी ग़लती पर भी केस ड्राईवर के ख़िलाफ़ ही बुक होता है लेकिन जिस रास्ते पर गाड़ी चलाई जा रही है आरटीसी बस ड्राईवर ही इस का ज़िम्मेदार होगा।