हाईकोर्ट ने मथुरा जवाहर बाग मामले की जांच सीबीआई से कराने की दी हिदायत

इलाहाबाद। सुर्खियों में छाए रहने वाले मथुरा के जवाहर बाग मामले की जांच इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराए जाने का आदेश दिया है, जिस से उत्तर प्रदेश सरकार को जबरदस्त झटका लगा है।

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नेव्ज़ नेटवर्क समूह न्यूज़ 18 के अनुसार मुख्य न्यायाधीश डी बी भोसले और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने विजय पाल सिंह तोमर की याचिका पर आज यह आदेश दिया। अदालत ने जांच निर्धारित समय में पूरा करने और इस के लिए सीबीआई की विशेष जांच दल का गठन करने का आदेश दिया है।

गौर तलब है कि मथुरा के जवाहर बगीचे में दंगाइयों और पुलिस के बीच हुए सशस्त्र हिंसा में 29 लोगों की मौत हो गई थी जिस में एक डीपटी पुलिस सुपरिंटेनडेंट शामिल था। अदालत के इस आदेश को उत्तर प्रदेश सरकार को जबरदस्त झटका माना जा रहा है। राज्य में विधानसभा के दो चरणों में अब मतदान बाकी है। हाईकोर्ट ने सीबीआई को इस के लिए एक विशेष टीम का गठन करने और अपनी जांच रिपोर्ट दो महीने के भीतर पेश करने का आदेश दिया है।

स्पष्ट उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर दो जून 2016 को मथुरा स्थित जवाहर बाग को खाली कराने के लिए पुलिस पहुंची थी। इस बीच जवाहर बाग पर जबरन कब्जा करने वाले दंगाइयों और पुलिस के बीच सशस्त्र संघर्ष हो गया। मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मी, संतोष यादव, उप पुलिस अधीक्षक मुकुल दिवेदी और 27 दंगाई मारे गए थे। बाबा जी गुरूदेव के अनुयायी, राम वृक्ष यादव के नेतृत्व में बंदूकधारियों के एक समूह ने जवाहर बाग़ की जमीन पर 2014 से कब्जा किया हुआ था। मूल रूप से गाजीपुर का रहने वाला राम वृक्ष यादव निजी प्रशासन और अपनी समानांतर सरकार चला रहा था।