हाफ़िज़ सईद की अमेरीकी मुतास्सरीन तूफ़ान के लिए इम्दाद की पेशकश!

लाहौर, ३१ अक्तूबर (पी टी आई) जमात-उल-दावत के सरबराह हाफ़िज़ मुहम्मद सईद जिन्हें 2008 के मुंबई हमलों का सरग़ना बताया जाता है और जिन के लिए अमेरीका ने 10 मिलियन डालर का इनाम रखा है, आज उन्होंने कहा कि उन की तंज़ीम (संघटन) अज़ीम तूफ़ान सेंडी के मुतास्सिरा ( पीड़ितों) अमेरीकियों की मदद करने तैय्यार है।

सईद ने कहा हम अमेरीका को तूफ़ान से मुतास्सिरा अवाम के लिए ग़िज़ाई अशिया, अदवियात ( दवाएँ) और डाक्टर्स भेजने तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अगरचे अमेरीका ने उन के सर पर इनाम रखा हुआ है लेकिन ये मुसलमानों का फ़र्ज़ है कि दीगर ( दूसरे) इंसानों की आफ़ात समावी ( आसमानी मूसीबतो) के दौरान मदद की जाए चाहे उन का मज़हब कुछ भी हो।

सैय्यद ने कहा कि ये हमारा इस्लामी फ़रीज़ा ( फर्ज़) है और हकूमत-ए-पाकिस्तान को चाहीए कि हमें अमेरीका में मुतास्सिरा लोगों के लिए राहती अशिया-ए-फ़राहम करने की इजाज़त दे। उन्होंने कहा कि जमात‍ उल‍ दावा ने माज़ी (गुजरे हुए समय ) में जुनूबी सूबा ( प्रांत) सिंध में सैलाब से मुतास्सिरा हिंदुओं को राहत फ़राहम की थी।

अगरचे अमेरीका ने इस साल के अवाइल ( शुरूआत में ) सैय्यद के लिए इनाम की पेशकश की थी लेकिन ममनूआ लश्कर ए तैयबा के बानी पाकिस्तान भर में बिलख़सूस सूबा पंजाब में आज़ादाना ( स्वतंत्रतापूर्वक) तौर पर अवामी जलसे मुनाक़िद करते रहे हैं। पाकिस्तान ने ताहाल ( फिलहाल/ अभी तक) सैय्यद के ख़िलाफ़ हिंदूस्तान की जानिब से 2008 के मुंबई हमलों के सरग़ना के तौर पर उन के मुबय्यना रोल के ताल्लुक़ से फ़राहम करदा मवाद (सबूत/ प्रमाण) की असास ( बुनियाद) पर कार्रवाई से इनकार किया है।

मुंबई हमलों में 166 अफ़राद हलाक हुए थे। अमेरीकी और हिंदूस्तानी ओहदेदारों ने कहा है कि मालीयाती मर्कज़ पर हमला लश्कर ए तैयबा के कारिंदों ने अंजाम दिया जिन्हें पाकिस्तान नशीन अनासिर ( मूल तथ) ने तरबियत दी, फायनेंस फ़राहम किया और उन पर कंट्रोल किया।

सईद को मुंबई हमलों के बाद बुनियादी तौर पर आलमी बिरादरी के दबाओ के सबब ( कारण) अंदरून 6 माह घर पर नज़रबंद रखा गया था, उन्हें 2009 में लाहौर हाइकोर्ट के अहकाम (कुक्म) पर आज़ाद कर दिया गया। यूँ तो लश्कर ए तैयबा पर साबिक़ फ़ौजी हुक्मराँ परवेज़ मुशर्रफ़ की हुकूमत ने पाबंदी आइद कर दी थी लेकिन पाकिस्तान हुकूमत ने जमात‍ उल‍ दावा को बाक़ायदा तौर पर ममनू ( निषिद्व / वर्जित) तंज़ीम (संगठन) क़रार नहीं दिया है।

ये तंज़ीम अब भी अपनी सरगर्मियां फ़लाह इंसानी फ़ाउनडेशन के ज़रीया चलाती है जो मुंबई हमलों के तनाज़ुर (हालात) में तशकील ( निर्माण) दिया ( बनाया/ संगठित किया) गया।