हिंदुस्तानी नौजवान पुरअमन हिंदुस्तान की तामीर में मदद करें

जमहूरियत हुक़ूक़ ही नहीं अता करती बल्कि ज़िम्मेदारियां भी आइद करती हैं हिंदुस्तानी नौजवानों का पुरअमन हिंदुस्तान की तामीर में अहम किरदार है।

सदर जमहूरिया परनब मुख‌र्जी ने कहा कि हिंदुस्तान जमहूरी सियासत और छोटे टुक्डे में बटे समाज की एक दर्ख़शां मिसाल है। जमहूरियत हुक़ूक़ अता करती है साथ ही साथ ज़िम्मेदारियां भी आइद करती हैं। तालीमयाफ्ता नौजवान नए पुरअमन हिंदुस्तान की तामीर में अहम किरदार अदा करसकते हैं।

ममलकत और बिरादरी ने नौजवानों को तालीम और शख़्सी तरक़्क़ी की सहूलतें फ़राहम करते हुए उनसे उम्मीद‌ वाबस्ता की हैं। परनब मुख‌र्जी ओडीशा सैंटर्ल यूनीवर्सिटी के तलबा से वीडियो कान्फ़्रेंसिंग के ज़रिया ख़िताब कररहे थे। उन्होंने कहा कि जो तालीम आप हासिल कररहे हैं उससे आप को एक मुख़्तलिफ़ मौक़ा हासिल होगा ये आप केलिए एक मोहलत है कि आप हमारे ख़ूबसूरत ,पेचीदा और बाअज़ औक़ात मुश्किल और पुरशोर जमहूरियत में अपना किरदार अदा करें।

वो यूनीवर्सिटी के चौथे यौम तासीस के मौक़ा पर कलीदी ख़ुतबा दे रहे थे। उन्होंने कहा कि यूनीवर्सिटियों की जानिब से बाक़िरदार और सभी मर्द-ओ-ख़वातीन तैयार करने की ज़िम्मेदारी वक़्त का तक़ाज़ा है। हमारे ख़ाबों की ताबीर मुल्क की तामीरकरना उन नौजवानों की ज़िम्मेदारी है जो पुर ख़ुलूस और वाबस्तगी रखने वाले अफ़राद हैं।

हमारी यूनीवर्सिटियों को उन इक़दार के बगै़र काबिल-ए-क़दर ज़िंदगी का हुसूल सिखाना नामुमकिन होजाएगा। उन्होंने कहा कि तालीमी महारत के साथ साथ हमारी यूनीवर्सिटियों को चाहिए कि वो किरदार की तामीर पर भी ज़ोर दें। सदर जमहूरिया ने कहा कि बुलंद मआशी तरक़्क़ी मुल्क की तरक़्कियाती हिक्मत-ए-अमली का एक अटूट हिस्सा है।

उन्होंने कहा कि इस का हुसूल हमारी इस सलाहियत पर मबनी होगा कि एक तालीमयाफ्ता मईशत को कैसे मुतहर्रिक किया जा सकता है। उस की तामीर सेहत मंद आली तर तालीमी निज़ाम की बुनियादों पर होनी चाहिए।