हिंदुस्तान के मुसलमान अल-कायदा को नाकाम कर देंगे :मोदी

वज़ीर ए आज़म नरेंद्र मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान के मुसलमान अल-कायदा को नाकाम कर देंगे क्योंकि दहशतगर्दी हिंदुस्तान की ज़मीन में पैदा नही हुई है बल्कि बर आमद किया गया है|

मोदी ने यहां काउंसिल आन फारेन रिलेशंस में दिये अपने खिताब में दो टूक लफ्जो में कहा कि दहशगर्दी से सियासू नफा नुकसान की बिना पर नहीं लड़ा जा सकता और इसे शिकस्त देने के लिए मुल्क, जाति, मर्म से उपर उठकर इंसानियत की बुनियाद पर पूरी दुनिया को एकजुट होना होगा|

वज़ीर ए आज़म ने इस बात पर अफसोस ज़ाहिर किया कि दुनिया के बहुत से मुल्क दहशतगर्दी के घिनौने शक्ल को कभी समझ नहीं पाये|

खिताब के बाद वहां मौजूद लोगों के सवालों का जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान के मुसलमान अल-कायदा को ‘नाकाम’ कर देंगे| उन्होंने कहा, ‘‘आपने देखा होगा कि हिंदुस्तान में दहशतगर्दी की शक्ल है वह उसकी ज़मीन से नहीं उपजी है बल्कि यह बर आमद किया गया है|’’

हिंदुस्तान में अल-कायदा का ब्रांच खोले जाने के मुताल्लिक उसके चीफ अल-जवाहिरी के ऐलान के ताल्लुक में पूछे गये सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी का मुल्क है और उसके शहरी कभी दहशतगर्द का साथ नहीं दे सकते|

गौरतलब है कि मोदी ने अमेरिका दौरे से पहले वहां के एक न्यूज़ चैनल को दिये इंटरव्यू में कहा था, ‘‘हिंदुस्तान के मुसलमान मुल्क के लिए जिएंगे, मुल्क के लिए मरेंगे और मुल्क का कभी बुरा नहीं चाहेंगे|’’

मोदी ने कहा, ‘‘दहशतगर्द को अलग अलग तराजू से तौलने या किसी दहशतगर्द को ‘गुड’ और किसी को ‘बैड’ बताने या पसंद आने वाले मुल्क में दहशतगर्द को नहीं चलने देने और पसंद नहीं आने वाले मुल्क में दहशतगर्दी चलने देने की ज़हनियत के साथ इससे नहीं लड़ा जा सकता|’’

मोदी ने कहा कि 1993 में वह अमेरिका आये थे और यहां के ओहदेदारों से उनकी बात भी हुई थी लेकिन तब वे इसे दहशतगर्द नहीं बल्कि कानून और निज़ाम के मसले बताते थे|उन्होंने कहा कि लेकिन बाद में जब मैं यहां (अमेरिका)आया तो वे मुझे समझा रहे थे कि दहशतगर्द क्या होता है क्योंकि तब यहां 9-11 का वाकिया हो गया था यानि जब तक हमारे यहां बम नहीं गिरता, हम दहशतगर्दी को नहीं समझते|

वज़ीर ए आज़म ने कहा कि हमने 40 साल से दहशतगर्द को भुगत चुका है और दुनिया को आगाह किया कि दहशतगर्दी की कोई हुदूद नही होती और न ही मुल्क होता|और यह कब कहां आ धमकेगा, किसी को पता नहीं होता|ऐसे Deformities का तसव्वुर नहीं किया होगा जब सहाफियों का गला काटा जा रहा है|

मोदी ने कहा कि दहशतगर्द से लड़ने के वसाएल चाहे जो भी हों, उससे लड़ने का रास्ता एक ही है और वह है इंसानियत में यकीन करना|

उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया को मिलकर, कंधे से कंधा मिलाकर सबकी भलाई के लिए इस बुराई से लड़ना होगा|

मगरिबी एशिया का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह इलाके कभी इतनी तेजी से आगे बढ़ रहा था, लेकिन आज वहां कैसी हालत हो गयी है| दहशतगर्द से लड़ने के लिए उन्होंने टूरिज़्म को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा, ‘‘टूरिज़्म जोड़ता है और दहशतगर्द बांटता है|इसलिए मैं सयाहत (Tourism) को बढ़ावा देना चाहता हूं|

मोदी ने कहा कि आज दुनिया का कोई भी मुल्क अपनी मर्जी से नहीं चल सकता| दुनिया बदल चुकि है और आलमी असरात से मिलकर कंधे से कंधा मिलाकर सबको चलना होगा| कोई मुल्क अब अलग-थलग नहीं रह सकता है|

उन्होंने कहा कि नज़रिया के बजाय फिलॉसफी की बुनियाद पर चलने वाले मुल्क ज़्यादा मुस्तहकम और मुसलसल तौर से चलते हैं जबकि नज़रिया की बुनियाद पर चलने वाला देश कभी न कभी लुढ़क जाता है|

मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान ‘वसुधव कुटुंबकम’ के फलसिफा को मानने वाला मुल्क है जिसके तहत वह पूरी दुनिया को अपना खानदान मानता है|